Chandrayaan 3 Essay:- चंद्रयान 3 पर निबंध एक महत्वपूर्ण विषय बन चूका है। स्कुल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भारत चंद्रयान 3 मिशन के इस निबन्ध से आप chandrayaan-3 के बारे में ज्ञान का प्रकाश फैला सकते हो। और यदि आपकी परीक्षा के सिलेबस में chandrayaan-3 निबंध है तो आप बिलकुल सही पोर्टल पर हो। यहाँ पर हमनें चंद्रयान 3 पर निबंध आसन शब्दों में जारी कर दिया है।
Chandrayaan 3 Essay in Hindi – चंद्रयान-3 पर निबंध
आप इस निबन्ध को पढ़ अपने अनुसार चंद्रयान 3 पर निबंध (Essay on Chandrayaan 3) या फिर भाषण Speech) तैयार कर सकते हो।
चंद्रयान-3 निबंध 100 शब्दों में
भारत ने 14 जुलाई 2023 को chandrayaan-3 मिशन को लॉन्च किया। यह मिशन देश के वैज्ञानिको के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और हमारे लिए गर्व की बात है। भारत की इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने तीसरी बार चांद पर जाने की कोशिश की गई है। इस मिशन को chandrayaan-3 के नाम दिया गया है। इससे पहले भारत की इसरो एजेंसी ने साल 2019 में chandrayaan-2 मिशन के तहत सैटेलाइट को चांद पर भेजा गया था। लेकिन कुछ तकनिकी खराबी के कारण वह मिशन चांद तक नहीं पहुंच पाया था। इस असफलता के बाद इसरो ने वर्ष 2023 में चंद्रयान 3 मिशन को सफलता पूर्वक चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव में लैंड करा दिया। भारत के लिए यह गर्व की बात है की भारत चंद्रयान मिशन 3 से विश्व में चांद पर अपना यान लैंड कराने वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान है। और चाँद के दक्षिण ध्रुव में पहुँचने वाला प्रथम देश है।
चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े लोगो के सवाल और जवाब
10 पंक्ति में – चंद्रयान-3 पर निबंध
- चंद्रयान-3 मिशन भारत की स्पेस एजेंसी इसरो द्वारा निर्मित किया गया है।
- चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में उतारा गया है।
- इसरो द्वारा तीसरी बार चांद पर भारत द्वारा यान भेजने की कोशिश की गई है।
- चंद्रयान 3 मिशन को 14 जुलाई 2023 को अंतरिक्ष में जाने के लिए लांच किया गया है।
- Chandrayaan-3 मिशन के चन्द्र पर सॉफ्ट लैंड के बाद भारत का विश्व में चोथा स्थान प्राप्त किया है।
- Chandrayaan-3 चांद की जानकारी देश के वैज्ञानिको के साथ साझा करेगा।
- Chandrayaan-3 भारत में बना एक स्वदेशी मिशन यान है।
- इसे मिशन को भारतीय तकनीकों के साथ बनाया गया है।
- चंद्रयान 3 चांद के ऑर्बिट में जाकर हमें चांद पर मौजूद सभी तत्व जैसे कि जल, वायु, मिट्टी की जानकारी प्रदान करेगा।
- चाँद के दक्षिण ध्रुव पर लैंड करने करने वाला भारत प्रथम देश बन गया है।
चंद्रयान 3 पर अनुच्छेद – Paragraph on Chandrayaan-3 in Hindi
चंद्रयान-3 मिशन को इसरो ने 14 जुलाई 2023 शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च किया गया था। इसरो चंद्रयान-3 के मिशन के उद्देश्य चंदा सतह पर सेफ और सॉफ्ट लैंडिंग करना, रोवर को चन्द्र पर घुमने का प्रदर्शन करना और उन स्थानों का वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना। भारत के चंद्रयान-3 मिशन में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर टेक्नोलॉजी शामिल है। यह चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारत के समय अनुसार शाम को 06 बजकर 04 बजे के आसपास सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग किया। इसरो के इस चंद्रयान-3 की सफलता और विक्रम लैंडर की चंदा पर सॉफ्ट लैंडिंग के उपलक्ष्य में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के अनुसार हर वर्ष 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
चंद्रयान-3 पर संछिप्त निबंध – Short Essay on Chandrayaan-3 in Hindi
चंद्रयान 3 इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) द्वारा चलाया गया एक सफल मिशन है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करना ताकि चाँद के सतह पर मौजूद रासायनिक और प्राकृतिक तत्वों की वैज्ञानिक जांच करना संभव हो। चंद्रयान 3 को ISRO ने 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया था और यह चंद्रयान मिशन 05 अगस्त 2023 को सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया था। इसके बाद 23 अगस्त, 2023 को लैंडर जिसका नाम विक्रम रखा गया है और एक रोवर जो प्रज्ञान नाम से जाना गया है को ले जाने वाले चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने चाँद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर दुनिया में इतिहास रचते हुए ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग की। इस सफलता के बाद भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला विश्व का पहला और चंद्रमा पर उतरने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इसरो ने चंद्रयान 3 से पहले अक्टूबर 2008 में चंद्रयान-1 और जुलाई 2019 में चंद्रयान-2 को चांद पर भेजने की अपनी कोशिश की थी है। परन्तु ये दोनों मिशन असफल हुए। चंद्रयान-3 के इस मिशन का वित्तीय-बजट 615 करोड़ रुपये है।
चंद्रयान-3 पर निबंध 300 शब्दों में – Long Essay on Chandrayaan-3 in Hindi
चंद्रयान-3 इसरो और देश का एक महत्वाकांक्षी चाँद मिशन है। ISRO के नवीनतम अपडेट के अनुसार 24 अगस्त, 2023 को , चंद्रयान 3 रोवर प्रज्ञान लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरा गया है और इस इस लैंडर को चंद्रमा चलाया गया है! चंद्रयान 3 मिशन से भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है। चंद्रयान-3 मिशन चाँद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का इसरो का यह दूसरा प्रयास था। चंद्रयान 3 मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 14 जुलाई, 2023 को 2.35 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक लॉन्च किया था और 5 अगस्त को चंद्रयान 3 ने चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश किया।
चंद्रयान-3 उद्देश्य
इसरो द्वारा भेजे गए भारत के चंद्रयान-3 मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करना, चंद्रमा पर रोवर चलाना , चाँद की सतह पर ही इसरो वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना है।
चंद्रयान 3 में प्रयोग उन्नत प्रौद्योगिकियाँ एवं तकनिकी
चंद्रयान 3 के लैंडर में कई उन्नत प्रौद्योगिकियाँ मौजूद हैं जैसे कि लेजर और आरएफ-आधारित अल्टीमीटर, वेलोसीमीटर, प्रोपल्शन सिस्टम, आदि। ऐसी उन्नत तकनीकों को पृथ्वी की स्थितियों में सफलतापूर्वक प्रदर्शित करने के लिए, कई लैंडर विशेष परीक्षण, जैसे इंटीग्रेटेड कोल्ड टेस्ट, इंटीग्रेटेड हॉट टेस्ट और लैंडर लेग मैकेनिज्म प्रदर्शन परीक्षण की योजना बनाई जा चुकी है और इसे सफलतापूर्वक पूरा भी किया गया है। चंद्रयान-3 मिशन के जरिए, भारत का लक्ष्य अपनी तकनीकी कौशल, देश के वैज्ञानिक की क्षमताओं और अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को विश्व के सामने प्रदर्शित करना है।
चंद्रयान 3 इसरो को क्या जानकारी प्राप्त होगी?
चंद्रयान 3 मिशन में भारत के इसरो वैज्ञानिको को चंद्रमा से सम्बंधित कई तरह की जानकारी प्राप्त होंगी जैसे- चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर पानी की बर्फ की उपस्थिति के बारे में , चाँद की सतह और उसके संरचना के बारे में, चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के बारे में और चंद्रमा के वायुमंडल के बारे में आदि।
Chandrayaan 3 vs Luna 25 Budget
Chandrayaan-3 Par Nibandh: FAQs
चंद्रयान 3 भारत का कौन सा मिशन है?
तीसरा मिशन
चंद्रयान 3 मिशन किस तारीख को लॉन्च हुआ था?
14 जुलाई 2023 को
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद भारत किन देशों के बाद अब किस स्थान पर है?
अमेरिका, रूस और चीन चौथा देश
चंद्रयान 3 में किसे जोड़ा गया है ?
एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (LM), प्रोप्शन मॉड्यूल (PM) और एक रोवर को जोड़ा गया है।
चंद्रयान 3 का मुख्य लक्ष्य क्या है?
स्पेस मिशन के लिए जरूरी नई तकनीकों को विकसित करना है।
चंद्रयान 3 के लैंडर (विक्रम) और रोवर पेलोड (प्रज्ञान) में क्या अलग है?
चंद्रयान 3 के लैंडर (विक्रम) और रोवर पेलोड (प्रज्ञान) चंद्रयान 2 के जैसे ही हैं।
चंद्रयान 3 में कितने सोलर पैनल लगे हैं?
चंद्रयान 3 में 4 सोलर पैनल लगाए गए हैं।
चंद्रयान-3 कितने दिनों में पहुंचा चांद पर?
40 दिन में
भारत से पहले कौन-कौन से देश चंद्रमा पर पहुंचे है?
अमेरिका, रूस और चीन
मिशन चंद्रयान-3 पर भारत ने कितना खर्चा किया है?
लगभग 615 करोड़ का
चंद्रयान-3 मिशन को किस संगठन ने लांच किया है?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
चन्द्रमा पर किया गया अध्ययन क्या कहलाता है?
सेलेनोलॉजी
चंद्रयान 3 मिशन किस रॉकेट से लॉन्च किया है?
LVM3-M4 रॉकेट से
चंद्रयान 3 मिशन से पहले चंद्रयान 2 को किस रॉकेट से लॉन्च किया गया था?
GSLV MK 3
चंद्रयान 3 अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कौन है?
पी. वीरा मुथुवेल हैं।
चंद्रयान 3 मिशन की थीम क्या है?
Science Of The Moon यानी चंद्रमा का विज्ञान है।
इसरो ने चंद्रयान 3 मिशन से पहले कौन-कौन से मिशन किए है?
वर्ष 2008 में चंद्रयान-1 और 2019 में चंद्रयान-2 लॉन्च कर चुका है.
इसरो ने लैंडर और ओवर का नाम रखा है?
‘विक्रम’ और रोवर का ‘प्रज्ञान’ रखा है.
चंद्रयान 3 का कुल वजन कितना है?
वजन 2,148 किलोग्राम है, और लैंडर और रोवर दोनों लैंडर मॉड्यूल में हैं, इनका कुल वजन 1,752 किलोग्राम है।
प्रचंद्रयान 3 मिशन के निदेशक कौन हैं?
चंद्रयान 3 मिशन के निदेशक सी. रितु करिधल है।