बीएस या भारत स्टेट प्रदूषण मापक पैमाना है, जो कि सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड तय करता है। बीएस नॉर्म्स इंजन से निकलने वाले हवा प्रदूषक तत्वों के हिसाब से तय होते हैं। बीएस के साथ लगी संख्या जितनी बड़ी होती है, प्रदूषण के पैमाने भी उतने ही सख्त होते हैं।
भारत ने यूरोपियन पलूशन नॉर्म्स को फॉलो करते हुए वर्ष 2000 में ‘इंडिया 2000’ स्टैंडर्ड अडॉप्ट किया। यूरोप में इन पैमानों का नाम यूरो1, यूरो2 आदि होता है। भारत ने 2005 में पैमाने का नाम बदलते हुए इसको BS-II कर दिया। 1 अप्रैल 2010 को इस पैमाने को BS III कर दिया गया।
भारत की रणनीति है कि भारत BS V को स्विच कर 2020 में सीधा BS VI पैमाना तय कर देगा। आॅटो और तेल कंपनियों को इस संदर्भ में अभी से तैयारी करने के लिए चेताया जा चुका है।
BS III नॉर्म्स के तहत इलेक्ट्रॉनिक वीइकल्स को जगह मिली थी ताकि प्रदूषण कम हो सके।