- Multipurpose Projects in India 2023 – भारत में बहुउद्देशीय परियोजनाएँ और इनकी जानकारी
- Multipurpose Projects in India 2023 – भारत में बहुउद्देशीय परियोजनाएँ और इनकी जानकारी
- दामोदर घाटी परियोजना Damodar Valley Project
- कोसी परियोजना Kosi Project
- रिहन्द बांध परियोजना Rihand Dam Project
- चंबल परियोजना Chambal Project
- हीराकुण्ड बांध Hirakud Dam
- इंदिरा गाँधी नहर परियोजना Indira Gandhi Canal Project
- भाखड़ा-नांगल परियोजना Bhakra-Nangal Project
- टिहरी बांध परियोजना Tehri Dam Project
- नर्मदा घाटी परियोजना Narmada Valley Project
- सरदार सरोवर परियोजना Sardar Sarovar Project
- केन-बेतवा लिंक परियोजना Ken-Betwa Link Project
Multipurpose Projects in India 2023 – भारत में बहुउद्देशीय परियोजनाएँ और इनकी जानकारी
इस भाग में हमने भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाएं व् उनके बारे में संक्षिप्त में जानकारी प्रकाशित की है भारत के बड़े बांधो को बहुउद्देशीय परियोजना कहा जाता है क्यूंकि इन बांध का कार्य देश के राज्यों के क्षेत्रों को जल व् बिजली की पूर्ति करना आदि होता है.
इन बांधो का उपयोग बिजली, सिंचाई, मछली पालन, पर्यटन बाढ़ में कमी आदि किया जाता है.
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Multipurpose Projects in India 2023 – भारत में बहुउद्देशीय परियोजनाएँ और इनकी जानकारी
निचे प्रकाशित की गई भारत की बहुउद्देशीय परियोजनाएं के बारे महत्वपूर्ण जानकारी को ध्यान से पड़े और सामान्य जानकारी प्राप्त करें. इस लेख को पढने के बाद आपको भारत की बहुउद्देशीय परियोजनाओं के बारे में कई सवालों के जवाब मिल सकेंगे.
दामोदर घाटी परियोजना Damodar Valley Project
दामोदर नदी पर बनी इस परियोजना का उदग्म छोटा नागपुर पठार से होते हुए हुगली नदी नदी में मिलती है यह नदी झारखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में बहती है. इस नदी को गाल का शोक भी कहा जाता है. इस घटी परियोजना की शुरुआत वर्ष 1948 में की गई थी जिसके अंतर्गत कुल 8 बांध बनाए गए हैं जिनमें से प्रमुख बांध कोनार, मैथन, तिलैया, पंचेतहिल हैं।
कोसी परियोजना Kosi Project
ये परियोजना कोसी नदी पर बनी है। कोसी नदी तिब्बत के पठार से निकल कर नेपाल तथा बिहार में बहती है और अंत में गंगा में मिल जाती है।
कोसी नदी पर बनी यह परियोजना भारती की एक प्रमुख घाटी पयोजना है| यह नदी तिब्बत के पठार से निकल कर नेपाल तथा बिहार में बहती है और गंगा नदी में मिल जाती है, स्वयं के द्वारा यह नदी हिमालय से लायी मिटटी से अपना रस्ता अवरुद्ध करती है और प्रत्येक वर्ष अपना रास्ता बदल लेती है जिसके कारण बिहार में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है, इस नदी को बिहार का शोक भी कहा जाता है, कोसी नदी पर नेपाल में हनुमान नगर बांध बनाया गया है.
रिहन्द बांध परियोजना Rihand Dam Project
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में रिहंद नदी पर रिहंद बांध बनाया गया है इस बाँध के कारण निर्मित झील को गोविंद बल्लभ पंत सागर झील कहते है जोकि भारत की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है सोन नदी की सहायक नदी रिहन्द नदी है.
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चंबल परियोजना Chambal Project
मध्य प्रदेश में मालवा के पठार से चंबल नदी का उदग्म होता है और बाद में ये यमुना से इटावा में मिल जाती है।
इसी नदी पर मुख्य 3 बांध बनाए गए हैं –
जवाहर सागर बांध – राजस्थान में।
राणा सागर बांध – राजस्थान में।
गाँधी सागर बांध – मध्य प्रदेश में।
मध्य प्रदेश तथा राजस्थान की यह संयुक्त परियोजना है।
हीराकुण्ड बांध Hirakud Dam
हीराकुण्ड बांध को विश्व का सबसे लंबा बाँध माना गया है जिसकी लम्बाई 4801 मी० है, यह बांध महानदी पर उड़ीसा में बना है और महानदी को उड़ीसा का शोक भी कहा जाता है।
इंदिरा गाँधी नहर परियोजना Indira Gandhi Canal Project
यह नहर परियोजना विषय की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है और साथ ही दुनिया की विशालतम सिंचाई परियोजना भी है.
इंदिरा गांधी नहर राजस्थान की एक प्रमुख नहर है इसका उद्घाटन 31 मार्च 1958 को किया गया इसके बाद 2 नवंबर 1984 को को इसका नाम इंदिरा गांधी नहर परियोजना कर दिया गया।
भाखड़ा-नांगल परियोजना Bhakra-Nangal Project
वर्ष 1948 में भाखड़ा-नांगल परियोजना शुरू की गई थी जिसका कार्य 1968 पूरा हुआ था| भाखड़ा-नांगल परियोजना का दो बांधो भाखड़ा और सतलज नदी से प्राप्त हुआ है, भाखड़ बांध हिमाचल प्रदेश में स्थित है तथा नांगल बांध पंजाब में स्थित है।
भारत के पांच राज्यों को इस बाँध का लाभ मिलता है – पंजाब, हरियाणा राजस्थान, दिल्ली तथा हिमाचल प्रदेश।
गोविंद सागर झील भाखड़ा बांध द्वारा निर्मित झील है तथा ये हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
यह विषय का सबसे ऊंचा गुरूत्वीय बांध है, जिसकी ऊंचाई 226 मी० है।
टिहरी बांध परियोजना Tehri Dam Project
इस परियोजना के अंतर्गत भारतीय राज्य उत्तराखंड के टिहरी जिले में भागीरथी तथा भिलंगाना नदियों के संगम पर स्थित है यह भारत के सबसे ऊँचे टिहरी बाँध का निर्माण किया गया.
इस बांध के अंतर्गत यह भूकम्प जोन V में आता है।
पूरा हिमालय क्षेत्र भी इसी जोन V के अंतर्गत आता है अर्थात यहां पर रिक्टर स्केल पर 8 से अधिक माप वाले भूकंप आने की संभावना बनी रहती है।
टिहरी बांध की उंचाई 260.5 मी० (855 फीट) है।
नर्मदा घाटी परियोजना Narmada Valley Project
ये परियोजना मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक मानी जाती है, यह परियोजना जीवनदायिनी कहे जाने वाले नर्मदा नदी पर केन्द्रित है, नर्मदा नदी अरब सागर में गिरने वाली सबसे लम्बी और भारत की 5वीं सबसे लम्बी नदी है|
इस परियोजना के अंतर्गत 4 प्रमुख बांध है-
नर्मदा सागर परियोजना – मध्य प्रदेश में।
ओंकारेश्वर परियोजना – मध्य प्रदेश में।
माहेश्वर परियोजना – मध्य प्रदेश में।
सरदार सरोवर परियोजना – गुजरात में।
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सरदार सरोवर परियोजना Sardar Sarovar Project
नर्मदा पर बनने वाले बंधो में से सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएं है, ये परियोजना भारत के 4 मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात एवं राजस्थान राज्यों की संयुक्त परियोजनाएं है।
इस परियोजना का लक्ष्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी प्रदान करना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना|
नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर बांध भारत का दूसरा सबसे बड़ा बाँध है जोकि 138 मीटर ऊँचा (नींव सहित 163 मीटर) है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना Ken-Betwa Link Project
ये परियोजना 2005 में शुरू की गयी थी और इसका खाका 2008 में तैयार किया गया था। यमुना नदी की सहायक नदियाँ केन तथा बेतवा दोनों मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश में बहती हैं।