Samanya Gyan

India’s missile program

भारत के मिसाइल कार्यक्रम की संछिप्त जानकारी

सुखोई से ब्रह्मोस को दागने के बाद दुनिया भर में खासकर पडोशी मुल्कों में उथल-पुथल मच गई. ब्रह्मोस मिसाइल के अलावा भी भारत की कई अन्य घातक मिसाइलें हैं जिनका लोहा पूरी दुनिया मानती हैं.

अग्नि-I – इस मिसाइल का पहला सफल परिक्षण 25 जनवरी 2002 को किया गया था. इस मिसाइल का वजन 12 टन हैं और इसकी लम्बाई 15 मीटर हैं. इसकी मारक क्षमता 700-1200 किलोमीटर हैं. अग्नि-I में विशेष नौवहन प्रणाली लगी हैं जो सुनिश्चित करती हैं की मिसाइल अत्यंत सटीक निशाने के साथ अपने लक्ष्य पर पहुचें . इस मिसाइल के संचालन का अधिकार स्ट्रेटजिक फाॅर्स कमांड के पास हैं.

अग्नि-II – 11 अप्रैल , 1999 में इसका पहले परिक्षण किया गया, इस मिसाइल का वजन 16,000 किलोग्राम हैं और इसकी मारक क्षमता 2000-3500 किलोमीटर हैं. इस मिसाइल के सफल परिक्षण ने चीन और पकिस्तान की नींदे उड़ा दी थी, क्युकी इसकी मारक क्षमता में दोनों देशो के कई बड़े शहर आते हैं.

अग्नि-III – जुलाई 2006 में इसका पहला परिक्षण किया गया. इस मिसाइल का वजन 48,000 किग्रा हैं और इसकी लम्बाई 17 मीटर . इस मिसाइल की मारक क्षमता 35000 किलोमीटर हैं. यह अपने तरही का विश्व के सबसे घटक हथियारों में से एक हैं यह मिसाइल न्यूक्लियर क्षमता से भी संपन्न हैं.

अग्नि-IV – 15 नवम्बर 2011 को इस मिसाइल का पहला परिक्षण किया गया इसका वजन 17,000 किलोग्राम हैं और इसकी लम्बाई 20 मीटर. इस मिसाइल का निर्माण अग्नि-II और अग्नि-III के बिच की कड़ी को पूरा करे के लिए किया गया था.

अग्नि-V – 19 अप्रैल, 2012 को इस शक्तिशाली मिसाइल का पहला सफल परिक्षण किया गया इसका वजन 50,000 किलोग्राम हैं और इसकी लम्बाई 17.5 मीटर हैं. 5000 किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि – 5 भारत की पहली इंटर-काँटीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल हैं.

शौर्य मिसाइल – यह सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल है. 2008 में इसका पहला सफल परिक्षण किया गया शोर्य मिसाइल का वजन 42 किलोग्राम हैं और इसकी लम्बाई 1.90 मीटर. इस मिसाइल की मार्क क्षमता हैं 750 से 1900 किलोमीटर हैं. यह भारत की पहली हाइपर सुपरसौनिक मिसाइल भी हैं.

पृथ्वी – भारत के मिसाइल प्रोग्राम के अंतर्गत निर्माण की जाने वाली पहली मिसाइल थी पृथ्वी . परमाणु संपन्न तथा 150-350 किमी की रेंज तक सतह से सतह पर मार करने वाली यह मिसाइल सेना के तीनों अंगों का अभिन्न हिसा हैं.

नाग मिसाइल – 1990 में इसका सफल परिक्षण किया गया. इस मिसाइल का वजन 42 किलोग्राम हैं और इसकी लम्बाई 1.90 मीटर हैं. इसे टैंक भेदी मिसाइल भी कहाँ जाता हैं . ‘पृथ्वी’ एवं ‘अग्नि’ जैसे स्वदेशी मिसाइलों के श्रंखला में ‘नाग’ पांचवी मिसाइल हैं. यह मिसाइल अपनी विशेषताओं में ‘टॉपअटैक-फायर एंड फोरगेट’ तथा सभी मौसम से फायर करने की ख़ास क्षमता रखती हैं.

धनुष मिसाइल – धनुष मिसाइल स्वदेशी तकनीक से निर्मित पृथ्वी मिसाइल का नौसेनिक संस्करण हैं. यह मिसाइल परमाणु हथियारों को ले जाने की क्षमता रखती है. प्रक्षेपण के समय इसका वजन 4600 किलोग्राम होता हैं.

ब्रह्मोस मिसाइल – इसका विकास रूस की एनपीओ मशीनोंस्ट्रोयेनिया तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका किया हैं. यह रूस की पी-800 ओंकीस क्रूज मिसाइल की टेकनोलजी पर आधारित मिसाइल हैं. सबसे पहले 2001 में इसका सफल परिक्षण किया गया. ब्रह्मोस मिसाइल का वजन 3000 किलोग्राम हैं और इसकी लम्बाई 8.4 मीटर हैं. ब्रह्मोस की मारक क्षमता 290 किलोमीटर हैं. इसकी रफ़्तार अम्रीका के सबसोनिक टॉमहोक क्रूज मिसाइल से तीन गुनी अधिक हैं.

आकाश मिसाइल – इसका परिक्षण 1990 में किया गया था. इसका वजन 720 किलोग्राम हैं और इसकी लम्बाई 5.78 मीटर हैं जमीं से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश की तुला अमरिका के पेट्रियाट मिसाइल सिस्टम से की जाती है. एक समय में यह मिसाइल 8 भिन्न लक्ष्य पर निशाना साध सकती हैं. यह मिसाइल – रोधी मिसाइल (एंटी-मिसाइल सिस्टम) हैं.

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