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12 जनवरी: राष्ट्रीय युवा दिवस

हमने यहाँ पर 12 जनवरी को मनाये जाने वाले राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के बारे में जानकारी प्रकाशित की है जो की अपने सामान्य ज्ञान और सरकारी नौकरी की तयारी के सहायक होगी.

राष्ट्रीय युवा दिवस पर निबंध, महत्त्व और इतिहास – National Youth Day Essay, Significance and History

किसी भी देश की प्रगति उसके युवाओं विचारधारा पर निर्भर करती है। यदि उस देश के युवा की विचारधारा सकारात्मक है तो उस देश की उन्नति सकरतमन होती है अथवा उसका विकास गर्त में चला जाता है। इसीलिए युवाओं को एक नई राह देने वाले तथा प्रेरणास्रोत भारत भूमि के प्रखर तेजस्वी संत “स्वामी विवेकानंद’’ के जन्मदिवस पर प्रतिवर्ष 12 जनवरी को सम्पूर्ण भारत देश के साथ विश्व के कई अन्य देशों में युवा दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को उनकी शक्ति के वारे में अवगत करना और स्वामी विवेकानंद द्वारा दिये हुए आध्यात्मिक, समाजिक, आर्थिक तथा बौद्धिक ज्ञान को युवाओं तक पाहुचना है। यदि भारत देश के युवा स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आत्मसात करें तो भारत एक बार फिर से विश्व पटल पर विश्व गुरु के नाम से जाना जाने लगेगा। इसी लक्ष्य को साथ लेकर भारत सरकार ने 12 जनवरी 1984 से प्रतिवर्ष मनाने की घोषणा की।

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में हुआ था। इनका मूल नाम नरेंद्र दत्त था। इनकी माता का नाम भुवनेश्वरी देवी तथा पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था। इनके गुरु श्री राम कृष्ण परमहंस थे। इनके जीवन पर उनका महत्वपूर्ण प्रभाव हुआ। इन्होंने पहली बार उनसे मिलने पर उनसे एक प्रश्न किया कि क्या ईश्वर सच में होते हैं? तब उन्होने उत्तर दिया की हाँ ईश्वर होते हैं और मैंने उसे देखा है। उनसे बात भी की है। तब से स्वामिविवेकानंद अध्यात्म से जुडते चले गए। वे अपने गुरु के परम भक्त और प्रिय शिष्य बन गए। इन्होने कम उम्र मे ही दुनिया को अपने विचारों से प्रभावित कर दिया था। 11 सितंबर 1893 में सिर्फ 30 वर्ष की आयु में इन्हें भारत की ओर से अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में भाषण देने के लिए भेजा गया। जिसमें इन्हें शून्य के ऊपर भाषण देना था। इन्होने वहाँ कई घंटों तक भाषण दिया और वहाँ बैठे लोग कई घंटों तक उन्हें सुनते रहे। इनका वह भाषण विश्व प्रसिद्धा हुआ। इसके बाद भी उनके विचार सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित करते रहे। 4 जुलाई 1902 को 39 वर्ष की युवावस्था में ही बेलुर मठ हावड़ा में इंका देहावसान हो गया। इसीलिए इन्हें आज भी युवा ही माना जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस

युवा दिवस सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। 12 अगस्त के दिन सम्पूर्ण विश्व में युवा दिवस मनाया जाता है। इसका आयोजन साल 2000 से आहुरू हुआ था जो आज तक चला आ रहा है। इससे सवित होता है की स्वामी जी के विचरों ने भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित किया है।

युवा दिवस के दिन सभी स्कूलों और कॉलेजों में विध्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के जीवन के बारे में जानकारी दी जाती है साथ ही उन्हें उनके विचारों से भी अवगत कराया जाता है। जिससे उनका सामाजिक तथा आधायत्मिक विकास होता है। सभी विध्यालयों व कॉलेजों में विध्यार्थियों द्वारा स्वामी जी की जीवनी पर भाषण तैयार कराये जाते हैं साथ ही योगासन का भी आयोजन किया जाता है।


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अरुण कुमार
अरुण को दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में कला स्नातक की डिग्री और शिक्षा के सभी क्षेत्रों में कार्य अनुभव है। उन्हें हिंदी शिक्षा क्षेत्र में लेखन का दस वर्षों से अधिक का अनुभव है।
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