History of International Day of Charity: अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी डे का इतिहास
International Day of Charity in India: संयुक्त राष्ट्र ने 5 सितंबर को कोलकाता में मदर टेरेसा की मृत्यु की वर्षगांठ को मनाने के लिए International Day of Charity (अंतरराष्ट्रीय चैरिटी दिवस) की घोषणा की थी। इस International Day of Charity को मदर टेरेसा की स्मृति में बनाया गया था, जिन्होंने हमेशा धर्मिक और सामाजिक कार्यों में अपना समर्पण किया। मदर टेरेसा को 1979 में “गरीबी और संघटन” से उबारने के लिए उनके प्रयासों के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2012 में पहली बार, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतरराष्ट्रीय चैरिटी डे (International Day of Charity) की आधिकारिक घोषणा की, जिसे सभी देशों ने समर्थन दिया.
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How to Celebrate International Day of Charity: अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी डे कैसे मनाया जाता है?
इस दिन, संयुक्त राष्ट्र सभी सदस्य देशों, विभिन्न संगठनों, और दुनियाभर के व्यक्तियों से यह आग्रह करता है कि वे भी दान देकर इंटरनेशनल चैरिटी डे के उद्देश्य को साकार करें। इस International Day of Charity: अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी डे, चैरिटी के महत्व को समझाने और लोगों को दान करने की प्रोत्साहना देने का काम होता है.
International Day of Charity Objective: अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी डे का उद्देश्य
अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में स्थानीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्तियों, दान करने वालों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवी संगठनों को चैरिटी से संबंधित कार्यों के प्रति जागरूक करना और एक साझा मंच प्रदान करना है.
International Day of Charity Importance: अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी डे का महत्व
- अंतरराष्ट्रीय दान दिवस का मुख्य उद्देश्य गरीबी हटाने और जरूरतमंदों की मदद करना है।
- यूनिसेफ ने 2030 तक दुनिया को गरीबी से मुक्त करने के लिए संकल्प पारित किया है।
- कई देशों में गरीबी का चरम है और इन देशों की मदद करना हमारी नैतिक दायित्व है।
- दान द्वारा आर्थिक सहयोग जरूरतमंदों को पहुंचाने में मदद करता है।
- समाज में पिछड़े और गरीब लोगों को सहायता पहुंचाना भी महत्वपूर्ण है।
Facts about International Day of Charity: अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी डे पर टेरेसा के बारे में रोचक तथ्य
- मदर टेरेसा का जन्म 1910 में ग्रीस के मैसेडोनिया में एग्नेस गोंक्सा बोजाक्सीहु के रूप में हुआ था।
- 1928 में, मदर टेरेसा ने भारत का दौरा किया और अपना समय संकटग्रस्त और जरूरतमंदों की मदद के लिए समर्पित किया।
- मदर टेरेसा ने कोलकाता में ‘मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी’ की स्थापना की।
- उन्हें उनके जीवनकाल में कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए, जैसे कि 1962 में प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे शांति पुरस्कार और 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार।
- मदर टेरेसा पांच भाषाओं- अल्बानियाई, बंगाली, अंग्रेजी, सर्बियाई और हिंदी- में पारंगत थीं और मानवीय कारणों से कभी-कभी भारत के बाहर यात्राएं करती थीं।
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Important Information Celebrate International Day of Charity: अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी डे के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस (The International Day of Charity) 05 सितंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस दिन को स्वयंसेवी और लोक-हितैषी कार्यक्रमों के माध्यम से दूसरों की मदद करने के लिए दुनिया भर के लोगों, गैर सरकारी संगठनों और हितधारकों को संवेदनशील बनाने और जुटाने के लिए मनाया जाता है। साथ ही यह दिन मानवीय संकटों और राष्ट्रों के भीतर और मानवीय पीड़ा को कम करने में दान द्वारा निभाई जाने भूमिका को भी चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है।
On Sunday's International #CharityDay, we thank everyone who helps make the world a better place, especially amid the #COVID19 crisis. https://t.co/N7h11s3HB5 pic.twitter.com/LYDOyLKK4N
— United Nations (@UN) September 5, 2021