श्रीमती सोनिया गाँधी महत्वपूर्ण तथ्य
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हमने यहाँ पर कांग्रेस पार्टी की श्रीमती सोनिया गाँधी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य प्रकाशित किया है. सोनिया को अगस्त 2019 में कांग्रेस पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुना गया है क्योंकि उनके बेटे राहुल गाँधी ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की भी प्रमुख भी है. चलिए जानते है श्रीमती सोनिया गाँधी के बारे में कुछ सामान्य ज्ञान और बेहद महत्वपूर्ण तथ्य.
Congress President Sonia Gandhi (Important Facts) in Hindi
सोनिया गांधी का शादी के पहले नाम “एंटोनियो माइनो” था और वे रायबरेली, उत्तरप्रदेश से सांसद हैं.
सोनिया गांधी 14वीं लोकसभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) की प्रमुख भी है.
सोनिया गांधी 15वीं लोकसभा में यूपीए की अध्यक्ष थीं.
श्रीमती सोनिया गाँधी इंडियन कांग्रेस के 132 वर्षो के इतिहास में सबसे लम्बे समय तक (1998 से 2017) रहने वाली वाली अध्यक्ष हैं.
श्रीमती सोनिया गाँधी का जन्म इटली के लूसियाना में हुआ था.
वर्ष 1997 में कोलकाता के प्लेनरी सेशन में सोनिया गाँधी ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की थी.
वर्ष 1997 में 62 दिनों के अन्दर श्रीमती सोनिया गाँधी कांग्रेस की अध्यक्ष चुना गया था.
वर्ष 2007 के आम चुनाव में यूपीए को अनपेक्षित 200 से ज़्यादा सीटें मिलने पर सोनिया गांधी को रायबरेली और उत्तर प्रदेश से सांसद चुना गया.
सोनिया गांधी को 14 मई 2007 को 14-दलीय गंठबंधन की नेता चुना गया था.
श्रीमती सोनिया गाँधी मई 2007 में फिर रायबरेली और उत्तरप्रदेश से सांसद चुनी गईं.
वर्ष 1991 में राजीव गाँधी की हत्या के बाद श्रीमती सोनिया गाँधी ने “राजीव गाँधी फाउंडेशन” और “राजीव गाँधी इन्स्टीट्यूट फ़ॉर कन्टेम्प्रेरी स्टडीज़” का स्थापना की थी.
1991 में राजीव गाँधी की हत्या के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गाँधी को बिना बताये उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी पर सोनिया गाँधी ने मना कर दिया था.
श्रीमती सोनिया गाँधी वर्ष 1999 में बेल्लारी, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ीं और उन्होंने करीब तीन लाख वोटों से ऐतिहासिक जीत हासिल की थी.
एन डी ए के कुछ नेताओं ने सोनिया गाँधी पर विदेशी मूल का होने पर आरोप लगाये और सुषमा स्वराज और उमा भारती ने घोषणा की अगर श्रीमती सोनिया गाँधी
प्रधानमंत्री बनीं तो वो अपना सिर मुँडवा लेंगीं और भूमि पर ही सोयेंगीं इस वजह से सोनिया गाँधी जी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से मना कर दिया था और मनमोहन सिंह को अपना उम्मीदवार चुना.
राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के पद पर उन्होंने कई जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू की जैसे राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और रोज़गार योजना, दोपहर का भोजन, जवाहरलाल अरबन रिन्यूएल मिशन, सूचना का अधिकार और अन्य बहुत सी योजनाये है.
मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद श्रीमती सोनिया गाँधी को दल का और गठबंधन का अध्यक्ष चुना गया.
23 मार्च 2006 में सोनिया गाँधी ने लोकसभा की सदस्यता और राष्ट्रीय सुझाव समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
वर्ष 2006 तक सोनिया गाँधी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद’ की अध्यक्ष रहीं.
श्रीमती सोनिया गाँधी वर्ष 2007 और 2008 के लिए “टाईम मैगजीन” की जारी सूची में टॉप 100 सबसे ताक़तवर लोगो की सूची में चुनी गयी.
श्रीमती सोनिया गाँधी को अगस्त 2019 में कांग्रेस पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया है.