
Civil Service Day in Hindi – सिविल सेवा दिवस सामान्य ज्ञान
- Gk Section
- Posted on
Civil Service Day तारीख, थीम और इतिहास से जुड़ी खास बातें
Civil Service Day– भारत में हर साल 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन मुख्य रूप से देश के सभी सिविल सेवकों को समर्पित होता है, जो अपने कार्यों और महत्वपूर्ण योगदान से राष्ट्र की सेवा करते हैं. हर वर्ष सिविल सेवा दिवस के लिए एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है.
साल 2024 में सिविल सेवा दिवस की थीम “विकसित भारत- नागरिकों को सशक्त बनाना और अंतिम मील तक पहुंचना” रखी गई है.
21 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है सिविल सेवा दिवस?
देश में पहली बार सिविल सेवा दिवस 21 अप्रैल 2006 को मनाया गया था, और उस समय यह दिन हर साल 21 अप्रैल को मनाया जा रहा है.
कोविड में वर्चुअल तरीके से मनाया गया था सिविल सेवा दिवस
वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के समय भी सिविल सेवा दिवस का आयोजन हुआ था, हालांकि उस समय इस दिवस को वर्चुअल तरीके से मनाया गया. इस साल 16वां सिविल सेवा दिवस मनाया जा रहा है.
इस दिन सिविल सेवकों को सम्मान
सिविल सेवा दिवस के अवसर पर, देश के सिविल सेवकों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रधानमंत्री उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. इस दिन यह पुरस्कार उन्हें लोक प्रशासन में बेहतर प्रदर्शन के लिए दिया जाता है, ताकि वे समाज के विकास के लिए निरंतर प्रयास करते रहें.
भारत के “स्टील फ्रेम” का दिन: क्यों खास है 21 अप्रैल?
21 अप्रैल का दिन इसलिए विशेष है क्योंकि स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने इसी दिन साल 1947 में सिविल सेवकों के पहले बैच को दिल्ली के मैटकाफे हाउस में संबोधित किया था. उन्होंने सिविल सेवकों को “भारत का स्टील फ्रेम” कहा था, जिसके बाद से इस दिन को सिविल सेवा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
सिविल सेवा का जनक
सत्येंद्र नाथ टैगोर भारत के पहले आईएएस अधिकारी थे, जिन्होंने सिविल सेवा में चयन प्राप्त किया. हालांकि, सिविल सेवा की नींव वारेन हेस्टिंग्स ने रखी थी, लेकिन लॉर्ड कार्नवालिस ने इसमें कई सुधार किए, जिसके कारण उन्हें “सिविल सेवा का जनक” कहा जाता है.