Ex RBI Governor Shaktikanta Das in Hindi- कौन हैं शक्तिकांत दास?, पूर्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के बारे में
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Shaktikanta Das in Hindi- शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर थे. वे भारत के पंद्रहवीं वित्त आयोग और जी-20 में भारत के शेरपा के सदस्य भी थे. इस लेख में RBI पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास के बारे में जानकारी प्रकाशित की गई है.
कौन हैं शक्तिकांत दास? – Who is Shaktikant Das in Hindi
शक्तिकांत दास एक अनुभवी प्रशासक और अर्थशास्त्री हैं, शक्तिकांत दास ने वित्त, कराधान, उद्योग, बुनियादी ढांचे, बैंकिंग जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में देश को अपनी सेवाएं दी हैं. शक्तिकांत दास दिसंबर 2018 से 6 वर्षों तक देश के आरबीआई प्रमुख रहे.
जन्म: आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास का जन्म 26 फरवरी 1957 को ओडिशा के भुवनेश्वर में हुआ था.
शिक्षा: शक्तिकांत दास की शिक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी और यूके की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से हुई है. इसके बाद में शक्तिकांत दास जी ने सिविल सेवा परीक्षा पास की और वर्ष 1980 में तमिलनाडु कैडर आईएएस बने.
ताजा अपडेट: 22 फरवरी,2025 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है.
- शक्तिकांत दास वित्त मंत्रालय में कार्यकाल– आठ केंद्रीय बजट तैयार करने में अहम भूमिका
- शक्तिकांत दास आरबीआई गवर्नर के पद पर– दिसंबर 2018 से दिसंबर 2023 तक
शक्तिकांत दास की उपलब्धियां
- नोटबंदी और जीएसटी लागू करने में शक्तिकांत दास की भूमिका
- शक्तिकांत दास साल 2016 में आर्थिक मामलों के सचिव थे, देश में नोटबंदी के चुनौतीपूर्ण समय में वित्तीय नीतियों को लागू करने और कैश फ्लो को नियंत्रित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
- शक्तिकांत दास ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को सफलतापूर्वक लागू करने में भी सरकार को महत्वपूर्ण योगदान दिया.
आरबीआई बैंक और भारत सरकार के बीच संतुलन
साल 2018 में उन्होंशक्तिकांत दास ने आरबीआई गवर्नर का पद संभाला, उस समय भारत सरकार और आरबीआई बैंक के मध्य अधिशेष हस्तांतरण को लेकर टकराव चल रहा था. दास जी ने इस विवाद को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बाजार का भरोसा बहाल किया था.
कोविड-19 देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखना
साल 2020 में कोविड-19 के दौरान दास ने नीतिगत रेपो दर को 4% के ऐतिहासिक निम्न स्तर तक ला दिया. इस मदद से देश में कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध हुआ और प्रभावित व्यवसायों और उद्योगों को मदद मिली.
सरकार को लाभांश
साल 2023 में, आरबीआई ने केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लाभांश दिया था.
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और उनके कार्यकाल
शक्तिकांत दास जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 नियुक्त किए गए हैं. 11 सितंबर 2019 से अब तक “पीके मिश्र” प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव इस पद पर बने हुए हैं. अब शक्तिकांत दास और पीके मिश्र मिलकर देश के प्रधानमंत्री कार्यालय में कई अहम जिम्मेदारियां निभाएंगे. नीचे टेबल में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और उनके कार्यकाल के बारे प्रकाशित किया गया है.
प्रधान सचिव का नाम | कार्यकाल |
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पी. एन. हक्सर | 06.12.1971 से 28.02.1973 |
वी. शंकर | 04.04.1977 से 31.07.1979 |
डॉ. पी. सी. अलेक्जेंडर | 02.05.1981 से 18.01.1985 |
बी. जी. देशमुख | 27.03.1989 से 11.12.1990 |
एस. के. मिश्रा | 11.12.1990 से 24.06.1991 |
ए. एन. वर्मा | 25.06.1991 से 15.05.1996 |
टी. आर. सतीशचंद्रन | 12.06.1996 से 30.03.1997 |
एन. एन. वोहरा | 01.07.1997 से 19.03.1998 |
बृजेश मिश्रा | 19.03.1998 से 22.05.2004 |
टी. के. ए. नायर | 28.05.2004 से 03.10.2011 |
पुलोक चटर्जी | 03.10.2011 से 26.05.2014 |
नृपेंद्र मिश्रा | 28.05.2014 से 11.09.2019 |
डॉ. पी. के. मिश्रा | 11.09.2019 से वर्तमान तक |
शक्तिकांत दास | 22.02.2025 से शुरू |
नोट: शक्तिकांत दास जी के बारे में प्रकाशित इस लेख में यदि कुछ गलत प्रकाशित हुआ तो कृपया इसमें सुधार करने के लिए हमारी मदद करैं इसके लिए हमे ईमेल या कमेंट करैं.