दिवाली पर निबन्ध – Essay On Diwali in Hindi

Diwali Essay – यहाँ पर आप दिवाली पर निबन्ध (Essay On Diwali in Hindi) के सरल उदाहरण प्रकाशित किए गए है.

दिवाली को दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली देश का के सबसे बड़ा और खुशियों का त्यौहार है. यह त्यौहार देश में बड़े धूमधाम और खुशियों के साथ मनाया जाता है।

दिवाली हिन्दुओं का एक महापर्व है। हिन्दुओं में दिवाली के त्योहार को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतिक माना गया जाता है. इस दिन विशेष रूप से माँ लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना की जाती है. दिवाली त्यौहार से सम्बंधित इस भाग में विधार्थियों के लिए जो छोटी कक्षाओं में पढ़ रहे के लिए हिंदी भाषा में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखित है. जिससे विधार्थी एवं युवा को शुभ दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखने में एवं किसी सभा आयोजन में दिवाली पर भाषण देने में मदद मिलेगी. परीक्षाओं में भी प्रश्नपत्र पर दिवाली पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है.

निचे दिवाली पर भाषण एवं निबंध प्रकाशित है जिसकी मदद से कक्षा 1 से 10 के विधार्थी दिवाली पर कई प्रश्नों के सवालों के जवाब दे सकेंगे.

दीपावली पर निबंध

दीपावली का अर्थ होता है ”दीप” और ”आवली” मतलब यह त्यौहार को इन दो शब्दों को मिलकर बना है। दिवाली के यह दोनों शब्द संस्कृत के शब्द है,जिसका मतलब होता है दीपों की श्रृंखला।

दिवाली के शुभ दिन पर घरों में भगवान श्री गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा होती है। विदेश में रह रहे भारतीय नागरिक भी दिवाली के त्यौहार को बड़े धूमधाम से मनाते है। दिवाली शुभ अवसर पर स्कूल एवं कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए diwali निबंध लिखने और भाषण देने के लिए दिया जाता है। आप यहाँ पर दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) का एक idea ले सकते हो और अपने अनुसार दीपावली पर निबंध लेखन कर सकते हो।

दिवाली पर निबंध – 2

दिवाली भारत देश में हिंदुओं का सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है दिवाली का त्यौहार पूरे भारत में बहुत हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह रोशनी व् उजियारे का त्योहार है। दिवाली का त्यौहार हिंदू कैलेंडर अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक महीने के अमावस्या पर और अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में या अंग्रेजी कैलेंडर द्वारा नवंबर के शुरुआती दिनों में आता है।

किसलिए मनाई जाती है दिवाली?

दिवाली के इस त्योहार के साथ कई प्राचीन कथाएं व् किंवदंतियां जुड़ी हुई हैं। दिवाली का त्यौहार रावण पर राम की विजय व् असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। असल में, दिवाली बुराई पर अच्छाई की ताकतों की जीत का प्रतीक माना गया है। प्राचीन कथायों के अनुसार इस दिवस भगवान श्री राम, सीता और लक्ष्मण के साथ लंकेश्वर रावण पर विजय प्राप्त करके अयोध्या पहुंचे थे। अयोध्या के ग्रामीणों ने राम, लक्ष्मण और सीता माँ का स्वागत किया और उनके गाँव को दीप जलाकर उजियारों में सजाकर रोशन किया। जैन कहते हैं कि दिवाली वह दिन है जब भगवान महावीर ने “मोक्ष या मोक्ष” प्राप्त किया। वे इस प्रकार की प्राप्ति की खुशी में रोशनी दिखाते हैं। आर्य समाज के दयानंद सरस्वती ने भी इसी दिन ‘निर्वाण’ प्राप्त किया था।

दिवाली का महत्व

दिवाली रोशनी और आतिशबाजी का त्योहार है। यह त्यौहार दुर्गा पूजा के बाद आता है क्योंकि पश्चिम बंगाल में और उत्तर भारत में कुछ अन्य स्थानों पर देवी काली की पूजा दिवाली के दौरान की जाती है। जैसे कि रोशनी अंधेरे को दूर रखती है वैसे ही माँ देवी काली हमारी दुनिया में बुरी शक्तियों को दूर भगाती हैं। दिवाली त्यौहार मनाने के लिए हर कोई दिवाली से एक कुछ दिनों पहले से ही व्यवस्था करना शुरू कर देते है, जैसे नए कपड़े खरीदना, घरों को साफ करना और रोशनी, फूलों आदि से सजाया जाता है। इस दिन लोग अपने करीबी और प्यारे लोगों को बुलाते हैं।

देश में दीपावली कैसे मानते है?

दिवाली के इस त्योहार पर दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच मिठाइयां बनाई और एक दुसरे को बांटी व् खिलाई जाती हैं। लोग दीपावली के दिन मौज-मस्ती में लिप्त रहते हैं। दिवाली पर लोग घरों में एक दुसरे के घर मिठाइयाँ बांटते है और नए कपड़े पहनते है। साथ ही रात के समय आगजनी और पटाखे भी फोड़ दिए जाते हैं।

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दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है?

अग्नि-कार्य की तेज लपटें अंधेरी रात में एक उत्कृष्ट दृश्य प्रस्तुत करती हैं। यह हिंदू कैलेंडर द्वारा हर साल कार्तिक महीने के अमावस्या पर और अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में या अंग्रेजी कैलेंडर द्वारा नवंबर के शुरुआती दिनों में आता है। इस त्योहार के साथ कई किंवदंतियां जुड़ी हुई हैं। यह रावण पर राम की विजय का प्रतीक है। असल में, दिवाली बुराई पर अच्छाई की ताकतों की जीत का प्रतीक है।

कुछ के अनुसार इस दिन भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या पहुंचे। अयोध्या के ग्रामीणों ने राम, लक्ष्मण और सीताबाई का स्वागत किया और उनके गाँव को उजियारों में सजाकर रोशन किया। जैन कहते हैं कि यह वह दिन है जब भगवान महावीर ने “मोक्ष या मोक्ष” प्राप्त किया। वे इस प्रकार की प्राप्ति की खुशी में रोशनी दिखाते हैं। आर्य समाज के दयानंद सरस्वती ने भी इसी दिन ‘निर्वाण’ प्राप्त किया था।

दिवाली पर पूजा

यह रोशनी और आतिशबाजी का त्योहार है। यह दुर्गा पूजा के बाद आता है क्योंकि पश्चिम बंगाल में और उत्तर भारत में कुछ अन्य स्थानों पर देवी काली की पूजा दिवाली के दौरान की जाती है। जैसे कि रोशनी अंधेरे को दूर रखती है, देवी काली हमारी दुनिया में बुरी शक्तियों को दूर भगाती हैं।

दीपावली के दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी जी की पूजा पुरे विधि-विधान के साथ की जाती है इस दिन धनदेवी लक्ष्मी के साथ गणेश जी और कुबेर भगवान की पूजा भी की जाती है. दिवाली के त्यौहार के दिन इनके पूजन करने को बहुत फलदायक मनाया जाता है. हिन्दुओं में माना जाता है इस दिवाली के दिन इन देवी देवताओ की पूजा करने से घर भी धन, ख़ुशी और वैभव का निवास होता है. दिवाली पर्व पर हिन्दू लोग शुभ मुहूर्त के अनुसार ही माँ लक्ष्मी जी की पूजा करते है. दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त का पता करने के लिए हिन्दू लोग मंदिरों में पुजारियों से पता करते है.

दिवाली से पहले ही लोग करते है इस त्यौहार की तैयारी

हर कोई दिवाली से एक महीने पहले व्यवस्था करना शुरू कर देता है, नए कपड़े खरीदे जाते हैं, घरों को साफ किया जाता है और रोशनी, फूलों आदि से सजाया जाता है। लोग अपने करीबी और प्यारे लोगों को बुलाते हैं और बुलाते हैं। इस त्योहार पर दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच मिठाइयां बनाई और वितरित की जाती हैं। लोग दीपावली के दिन मौज-मस्ती में लिप्त रहते हैं। नए कपड़े युवा और पुराने द्वारा पहने जाते हैं। साथ ही रात के समय आगजनी और पटाखे भी फोड़ दिए जाते हैं। अग्नि-कार्य की तेज लपटें अंधेरी रात में एक उत्कृष्ट दृश्य प्रस्तुत करती हैं।

दिवाली दीपकों का त्यौहार

दिवाली का त्योहार हिन्दुओ का एक प्रमुख त्यौहार हैं। रात में लोग अपने घरों, दीवारों और छतों को मिट्टी के बने दीपकों रोशन करते हैं। रात के अंधेरे में जगमगाती रोशनी एक विहंगम और सुनहरा दृश्य प्रस्तुत करती है। घरों के अलावा, सार्वजनिक भवनों और सरकारी विभागों को भी दीपकों से जगमगाया जाता है। इस दिन रोशनी का यह दृश्य बहुत करामाती होता है। इस ही हिंदू धन की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं वे प्रार्थना करते हैं, ताकि देवी लक्ष्मी उनके घर पर विराजमान रहें और धन की कोई कमी न हो सकें। लक्ष्मी पूजा देवी लक्ष्मी की पूजा है और दीवाली के दौरान रात में की जाती है।

निष्कर्ष
दिवाली का त्यौहार पूरे भारत देश का त्यौहार है। यह हमारे देश के हर कौने में मनाया जाता है। इस प्रकार दिवाली का यह त्योहार लोगों में एकता की भावना भी पैदा करता है। भारत इस त्योहार को हजारों सालों से मनाता आ रहा है और आज भी इसे मनाता है जो ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों है।

दीपावली पर 10 लाइनें – 10 Lines on Diwali in Hindi

  1. दीपावली हिंदूओ में मनाया जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
  2. दिवाली का भारत की एतिहासिक संस्कृति तथा परम्परा को दर्शाती है।
  3. दिवाली को देश में दीपकों का त्यौहार कहा जाता है, इस दिन धारों को मिट्टी के दीये से जगमग किया जाता हैं।
  4. दीपावली का त्यौहार श्री राम 14 वर्षो के वनवास से लोटने की ख़ुशी तथा उनके स्वागत में मनाई गई थी तभी से हिन्दू में diwali मानाने की परंपरा चली आ रही है।
  5. भगवान श्री राम के अयोध्या अपने घर लौटने की खुशी में अयोध्या वासियों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
  6. दिवाली का त्यौहार हर वर्ष कार्तिक मास में आता है।
  7. दीवाली के दिन इश्वर लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है ताकि हमारे घर में ऋद्धि- सिद्धिं बनी रहे।
    दीपावली पर सभी बच्चे-बड़े नए कपडें पहनते है।
  8. दीपावली में घरों को अनेक प्रकार की रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाता हैं।
  9. दीपावली के दिन बच्चे पटाखे, फुलझड़ी, आदि जलाकर आनंद लेते है ।
  10. दीवाली की जगमगाती रात में सभी पडोसी और रिश्तेदार आपस में मिठाइयां बांटते हैं।
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दिवाली पर निबन्ध (550 Words)

भारत एवं दुनिया भारत में दिवाली या दीपावली हिन्दुओ का सबसे पवित्र और बहुत बड़े त्योहारों में से एक है. दिवाली को दीपावली के नाम से भी जाता है जो संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है अर्थात: दीप + आवली. दीप का अर्थ ‘दीपक’ व आवली का मतलब श्रंखला जिसका पूर्ण अर्थ हुआ दीपो की श्रंखला या फिर दीपो की पंक्ति. दिवाली का पर हिन्दुओं की मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के अमावश्य के दिन मनाया जाने वाला त्यौहार है. दीपाली पर्व को भारत के आलावा विश्व के अन्य देशो में रह रहे भारतीय भी मानते है. दीपावली त्यौहार पर विश्व भर से भारत को दीपावली की शुभकामनाएँ भेजी जाती है. हिन्दुओं के अलावा इस त्यौहार को अलग अलग समुदायों के व्यक्ति भी इस दिन अपने घरों को साफ़ उज्जवल व दीपो से चमकते एवं पटाखे और आतिशबाजी के जरिए मानते है.

दिवाली का त्यौहार हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान् श्री राम जी 14 वर्षो के वनवास को पूरा करने के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्षमण और उनके प्रिय भक्त श्री हनुमान जी के साथ अयोध्या अपने घर लौटे थे. अमावस्या की अँधेरी रात होने के कारण अयोध्या वासियों ने पुरे नगर को दीपकों से रोशन कर श्री राम चन्द्र जी भगवान् का स्वागत किया था. तब से लेकर अब तक दीपावली पर दीपकों को जलाकर अन्धकार को समाप्त कर अँधेरे पर उजाले की विजय के रूप में मनाया जाता है.

दिवाली त्यौहार के आने से पहले ही घरों में साफ़ सफाई एवं तैयारियां कई दिनों पहले से ही लोग शुरू कर देते है. क्युकी मान्यताओं के अनुसार दीपावली के दिन साफ़-सुथरे घरों में माँ लक्ष्मी जी का वास होता है. जो सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती है. दिवाली नजदीक आते ही लोग अपने घरों में अलग अलग रंग में रौशनी देने वाली लाइट से घरों से सजाना शुरू कर देते है एवं नए-नए वस्त्रो की खरीद दिवाली पर पहनने के लिए करते है.

दिवाली त्यौहार के शुभ अवसर पर लोग बाजारों से पूजा करने के लिए माँ लक्ष्मी, श्री राम जी, गणेश जी, कुबेर जी की मुर्तिया खरीदकर लाते है. और घरों की सजावट का सामान एवं लोग का मुहं मीठा करे के लिए तरह तरह की मिठाइयाँ लेकर आते है. बच्चे अपने मनोरंजन के लिए पटाखे एवं अपनी पसंद के नए कपड़े खरीदकर लेकर आते है. रात्री पूजा के बाद लोग अपने परिवार, दोस्तों एवं सगे संबधियों मिलते व आशीर्वाद लेते है और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते है.

दिवाली को रौशनी का त्यौहार भी कहा जाता है इस त्यौहार पर लोग मिट्टी से बने प्राकर्तिक दीपक को घरो के बहार एवं अन्दर जलाते है. दीपकों में सरसों के तेल एवं बाती का प्रयोग कर माँ लक्ष्मी, गणेश जी, कुबेर जी की पूजा करने के बाद उसे घरों की छतों पर रखते है एवं घरो को जलते दीपकों के साथ उज्जवल करते है जिसे देखकर मन को बहुत प्रसन्नता एवं शान्ति मिलती है. दिवाली के दिन बच्चे पटाखे और कई तरह की आतिशबाजी करते है.

दिवाली के शुभ दिन कुछ व्यक्ति कुछ गलत कार्य करते है जो इस पवन अवसर को गन्दा करते है वे असामाजिक तत्व अपने निरंतर प्रयास जैसे जुआ खेलना, शराब पीना, रात में शोर गुल कर लोगो को परेशान करना, टोना-टोटका जादू करना और तेज आवाज वाले पटाखों के गलत इस्तेमाल से शरीफ व्यक्तियों परेशान करने में जुटे रहना. ये सभी गलत कार्य यदि समाप्त हो जाए तो दीपावली का त्यौहार वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा।

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Diwali Wishes – दिवाली मुबारक, शुभकामनाएं और संदेश

दिवाली पर लोग अपने प्रिय दोस्तों, शिक्षकों एवं रिश्तेदारों को diwali wishes हिंदी और इंग्लिश में व्हात्सप्प और स्टेटस के माध्यम से सांझा करते है। यहाँ दीपावली पर शुभकामनाएं जारी की जिनसे आप diwali पर अपने दोस्तों को भेज सकते हो।

  1. हर घर में हो उजाला

हर घर में हो उजाला
आए ना कोई रात काली
हर घर मे मनाएं खुशियां
हर घर मे हो दिवाली.
शुभ दिवाली!

  1. दीपों का त्यौहार दिवाली आई है

दीपों का त्यौहार दिवाली आई है,
खुशियों का संसार दिवाली आई है,
घर आँगन सब नया सा लगता है,
नया नया परिधान सभी को फबता है,
नए नए उपहार दिवाली लायी है,
खुशियों का संसार दिवाली लाई है,
शुभ दीपवाली

  1. दीपक की रौशनी, पटाखों की आवाज

दीपक की रौशनी, पटाखों की आवाज,
सूरज की किरणे, खुशियों की बोछार,
चन्दन की खुशबु, अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको दिवाली का त्यौहार!

  1. लक्ष्मीजी और गणेशजी की कृपा से

लक्ष्मीजी और गणेशजी की कृपा से
आपको कामयाबी, सुख, शान्ति और समृद्धि प्रदान हो।

शुभ दीपावली!

  1. रंगोली से सजा हो आपका घर आंगन

रंगोली से सजा हो आपका घर आंगन
दिवाली का त्योहार सा जगमगाए आपका सारा जीवन

हैप्पी दिवाली!

दिवाली सीजन में मनाये जाने वाले त्यौहार

दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है इस दिन किसी वस्तु की खरीदारी की जाती है और भगवान् लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है, जिससे लक्ष्मी जी कृपा हमपर बनी रहें। धन्तेराज के अगले दिन छोटी दिवाली के रूप में मनाई जाती है इस दिन श्री कृष्ण जी की पूजा की जाती है क्युकी कृष्ण जी ने इस दिन राक्षस राजा नरक सुर को मार दिया गया था। छोटी दिवाली के बाद मुख्य दिवाली यानी बड़ी दीपावली मनाई जाती है। बड़ी diwali के अगले दिन गोवर्धन पूजा पर श्री कृष्ण जी के रूप में की जाती है। diwali के पांचवां दिन भाई दूज या फिर यम द्वितीया का त्यौहार मनाया जाता है इस दिन भाई-बहन का त्यौहार होता है। इस दिन बहन भाई की लम्बी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती है।

दिवाली पर जनता के कुछ प्रश्न और उनके उत्तर

2024 में दीपावली कब की है?
हिन्दू कैलेंडर के अनिसार से वर्ष 2024 में कार्तिक माह की अमावस्या 29 Oct, 2024 को Diwali है।

दीपावली के 5 दिन कौन-कौन से हैं?
दिवाली पर माने जाने वाले पांच त्यौहार है; धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, यम द्वितीया के पर्व मनाए जाते हैं।

दीपावली के बारे में कैसे लिखें?
Diwali को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम राम चन्द्र जी अपने परिवार के साथ 14 वर्षो के वनवास गुजरकर अयोध्या वापस आए था.

दीपावली का अर्थ क्या है?
दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बनाया गया है – दीप + आवली। ‘दीप’ यानी ‘दीपक’ और ‘आवली’ यानी ‘श्रृंखला’, जिसका अर्थ हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।

दिवाली के साथ मनाए जाने वाले त्यौहार

दिवाली का महापर्व 5 दिनों तक मनाया जाता है. जिसके पहले धनतेरस मनाया जाता है जिसे लोग सोने, चांदी एवं अन्य धातु से बनी चीजो की खरीद करते है.

  • दीपावली के दुसरे दिन छोटी दिवाली के रूप में मनाते है जिसे नरक चतुर्थी भी कहते है.
  • तीसरा दिन दिवाली का सबसे मुख्य त्यौहार होता है इसे बड़ी दीपावली भी कहते है. इस दिन माँ लक्ष्मी, गणेश जी, कुबेर जी की पूजा की जाती है.
  • बड़ी दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है जिसमे गाय या भेंस के गोबर से एक आकृति बनाकर भगवान् श्री कृष्ण की पूजा की जाती है.
  • दीपावली के आखिरी दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है जो भाई-बहन के प्रेम का प्रतिक है.
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