माँ पर निबन्ध – Essay On Mother in Hindi

Mother Essay – यहाँ पर आप माँ पर निबन्ध (Essay On Mother in Hindi) के सरल उदाहरण प्रकाशित किए गए है.

नीचे दिया गया माँ निबंध हिंदी में कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए उपयुक्त है।

Essay on Mother in Hindi (माँ पर निबंध)

माँ हमारा पालन पोषण करने के साथ ही हमारे जीवन में मार्गदर्शक और शिक्षक की भूमिका निभाती है। हम अपने जीवन में जो भी आरंभिक ज्ञान तथा शिक्षाएं पाते हैं, वह हमें हमारी मां के द्वारा ही दी जाती है। यही कारण है, कि मां को प्रथम शिक्षक के रूप में भी जाना जाता है। हमारे आदर्श जीवन के निर्माण मैं हमें हमारी मां द्वारा दी गई शिक्षाएं काफी महत्व रखती है। क्योंकि बचपन से एक मां अपने बच्चे को सदाचार, नेकी तथा हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने जैसी महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है। जब भी हम अपने जीवन में अपना रास्ता भटक जाते हैं, तो हमारी मां हमें सदैव सदमार्ग पर लाने का प्रयास करती है। कोई भी मां कभी यह नहीं चाहती है, की उसका बच्चा गलत कार्यों में लिप्त रहे।

हमारे प्रारंभिक जीवन में हमें अपनी मां द्वारा कई ऐसी आवश्यक शिक्षाएं दी जाती हैं। जो अजीवन हमारे काम आती हैं। इसलिए एक आदर्श जीवन के निर्माण में मां का बहुत बड़ा योगदान माना जाता है। हम अपने जीवन में कितने ही शिक्षित तथा उपाधि धारक क्यों ना हो जाएं। लेकिन अपने जीवन में जो चीजें हमने अपनी मां से सीखी होती हैं। वह हमें दूसरा कोई और नहीं सिखा सकता है। यही कारण है कि मेरी मां मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है, क्योंकि उन्होंने मुझे सिर्फ प्रारंभिक शिक्षा ही नहीं बल्कि मुझे जीवन जीना भी सिखाया है।

इस दुनिया में सबसे आसान और अनमोल शब्द है – मां। माँ दुनिया का एकमात्र ऐसा शब्द है, जिसे किसी परिभाषा की आवश्यकता नहीं, क्योंकि यह शब्द एहसास है। मां प्रेम त्याग और सेवा की मूर्ति है। सचमुच मां ईश्वर का प्रतिरूप है। मेरे जीवन मैं यदि किसी ने मुझ पर सबसे ज्यादा प्रभाव डाला है, तो वह मेरी मां है उसने मेरे जीवन में मुझे कई सारी चीजें दिखाई हैं। जो मेरे पूरे जीवन में मेरे काम आएंगी। मैं इस बात को काफी गर्व के साथ कह सकता हूं, कि मेरी मां मेरी गुरु तथा आदर्श होने के साथ-साथ मेरे जीवन का प्रेरणा स्रोत भी हैं।

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हमारे जीवन में प्रेरणा का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रेरणा एक तरह की अनुभूति है, जो हमें किसी चुनौती या फिर कार्य को सफलतापूर्वक प्राप्त करने में हमारी सहायता करती है। यह एक प्रकार की प्रवृत्ति है, जो हमारे शारीरिक तथा सामाजिक विकास में हमारी सहायता करता है। किसी व्यक्ति तथा घटना से प्राप्त प्रेरणा हमें इस बात का एहसास कराती है, कि हम विकट परिस्थितियों में भी किसी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। हम अपनी क्षमता के विकास के लिए अन्य स्रोतों से प्रेरणा प्राप्त करते हैं। जिसमें मुख्यतः विख्यात व्यक्ति या फिर हमारे आसपास का विशेष व्यक्ति हमें इस बात के लिए प्रेरित करता है, कि यदि उसके द्वारा विकट परिस्थितियों में भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। तो हमारे द्वारा भी यह कार्य अवश्य ही किया जा सकता है। कई लोगों के जीवन में पौराणिक या ऐतिहासिक व्यक्ति उनके प्रेरणा स्रोत होते हैं, तो कई लोगों के जीवन में प्रसिद्ध व्यक्ति या फिर उनके माता-पिता उनके प्रेरणा स्रोत होते है। मायने यह नहीं रखता कि आपका प्रेरणा स्रोत कौन है मायने यह रखता है कि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में, उसके विचारों और तरीकों से कितने ज्यादा प्रभावित है।

Essay on Mother in Hindi 300 Words

इस श्रष्टि में प्रत्येक जीव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी माँ के गर्भ से ही जन्म लेता है। इसीलिए सनातन और भारतीय संस्कृति में प्रत्येक जीवन दायनी संसाधन को माँ की संज्ञा दी जाती है जैसे माँ गंगा, माँ यमुना, गौ माता, धरती माता इसके साथ प्रकृति को भी माँ का दर्जा दिया गया है।

यहां तक की भगवान विष्णु को भी श्रीराम और कृष्ण के रूप में अवतार लेने के लिए माँ कौशल्या और देवकी मैया के गर्भ से ही जन्म लेना पड़ा था। इसीलिए माँ का स्थान भगवान से भी ऊंचा होता है।

किसी भी स्त्री के लिए सबसे सुखद अहसास तब होता है जब वह पहली बार माँ बनती। अपने बच्चे को जन्म देते समय उसे अत्यंत पीड़ा होती है किन्तु बच्चे के गोद में आते ही वह सब कुछ भूल जाती है। माँ बच्चे को 9 महीने तक अपने गर्भ में पलती है। इसलिए बच्चे को माँ से अधिक प्रेम कोई नहीं कर सकता। माँ अपनी संतान के लिए किसी से भी लड़ सकती है।

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माँ बच्चे को सिर्फ जन्म ही नहीं देती है। अपितु उसका पालन पोषण भी करती है। माँ बच्चे की प्रथम गुरु होती है। सर्वप्रथम वह माँ से ही सब कुछ सीखता है। इसीलिए हमारा परम कर्त्तव्य है कि हम अपनी माँ की आज्ञा का पालन करें और जब हम बड़े हों तो उसका सहारा बने। उनका ख्याल रखें। जिस प्रकार बचपन में माँ ने हमें पाला पोसा है उसी प्रकार वृद्धावस्था में उनकी सेवा करें।

आज बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि बच्चें अपने माँ बाप को उनके घर से निकाल कर वृद्धाश्रमों में भेज देते हैं। जिसने उन्हें अपने जिगर से लगा कर रखा वो उन्हें बोझ लगने लगते हैं। जिस माँ ने बचपन में उनका मल मूत्र साफ़ किया उससे उन्हें घिन आने लगती है। ऐसे बच्चे कभी खुश नहीं रह पते। जो बच्चे माँ बाप कि सेवा नहीं करते भगवन भी उनका कभी साथ नहीं देता।

Essay on Mother in Hindi 500 Words

मातृ का अर्थ होता है मां और दिवस का मतलब होता है दिन अर्थात मां पर समर्पित होता और इसे हर साल मई माह के दूसरे रविवार के दिन मनाया जाता है। मातृ दिवस हर साल मॉं को सम्मान और आदर देने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस पूरे विश्वभर में मनाया जाता है एक मॉं बच्चे के लिए मूल्यवान उपहार है जिसे भगवान ने हम सभी को दिया है। ऐसा कहा जाता है बच्चे की रक्षा के लिए भगवान ने मॉं को बनाया है।

मॉं भगवान का ही स्वरूप है जो अपने बच्चो से बहुत प्या‍र करती है, उनकी सबसे अच्छी दोस्ता होती है। मॉं जीवन में सभी बच्चो के लिए बहुत खास होती है मॉं अपने कष्टों को भूलकर अपने बच्चों का पालन पोषण करती है, उन्हे प्यार करती है। मॉं जब अपने बच्चो के पास होती है तो बच्चा अपने आपको सुरक्षित महसूस करता है। मातृ दिवस बच्चो और माताओं दोनों के लिए खास दिन है। इस दिन स्कूोलों में भी कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जिसमें मॉं से संबंधित नृत्य, गायन, कविता आदि विभिन्न गतिविधियॉं होती है। मदर्स डे पर मॉं घरों में विशेष पकवान बनाती है।

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बच्चे अपनी मॉं को कार्ड, केक, फूल, चॉकलेट व अन्य उपहार देते है। माताऍं भी अपने बच्चो को उपहार व ढेर सारा प्यार देती है। मदर्स डे के दिन सभी बच्चो को अपनी भावनाओं को मॉं के सामने व्यंक्त करके उनके प्यार-दुलार के लिए उन्हे धन्यदवाद देना चाहिए।

बच्चा जब दुनिया में आता है, तो उसका पहला रिश्ता मॉं से होता है। एक मॉं शिशु को पूरे 9 महीने कोख में रखने के बाद असहनीय पीडा सहते हुए उसे जन्म देती है और इस दुनिया में लाती है। इन नौ महीनों में शिशु और मॉं के बीच एक अदृश्यी प्यार भरा गहरा रिश्तार बन जाता है। यह रिश्ता शिशु के जन्म के बाद साकार होता है और जीवन पर्यन्त बना रहता है।

मॉं ओर बच्चे का रिश्ता इतना प्रगाढ और प्रेम से भरा होता है, कि बच्चे को जरा ही तकलीफ होने पर भी मॉं बेचैन हो उठती है। वहीं तकलीफ के समय बच्चा भी मॉं को ही याद करता है। मॉं का दुलार और प्यार भरी पुचकर ही बच्चें के लिए दवा का कार्य करती है। इसलिए ही ममता और स्नेह के इस रिश्ते को संसार का खूबसूरत रिश्ता कहा जाता है।

हमारी मॉं हमारे लिए एक सुरक्षा कवच होती है क्योकि वह हमें परेशानियों से बचाती है कोई परेशानी हो हमें पता तक नहीं चलने देती है और हम चाहे जो कुछ कहे सब सुन लेती है मातृ दिवस के दिन हमें हमारी मां को खुश रखना चाहिए उसे कोई दुख नहीं देना चाहिए हमें उनकी हर आज्ञा का पालन करना चाहिए। मॉं हमें जीवन में एक अच्छा इंसान बनता देखना चाहती है इसलिए उसकी हर बात को मानना हमारा कर्तव्य है।

हम आम लोगों के अलावा भगवान तक पूज्यनीय मॉं का स्थान नहीं ले सकता है। मॉं ईश्व‍र तुल्य होती है और उसी को एक स्थान दिलाने के लिए मातृ दिवस बहुत ही अच्छा दिन है। जिस दिन मां को महत्व और उनके प्यार को हमें एक महत्वपूर्ण स्थान देते हुए पूरा दिन उनके साथ उनके नाम कर देना चाहिए। उसका हर संकल्प मुकाम का अन्तिहम चरण होता है।

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