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महात्मा गांधी जीवन इतिहास (2 अक्टूबर 1869 से 30 जनवरी 1948) – Mahatma Gandhi History Gk

mahatma gandhi life history in Hindi

Mahatma Gandhi Life History in Hindi: यहाँ हमने महात्मा गाँधी जी के जीवन काल से जुडी बेहद महत्वपूर्ण घटनाएं एक पंक्ति में अंकित की है, यहाँ आप महात्मा गांधी जी के जन्म 1869 लेकर 1948 तक की एतिहासिक घटनाएं प्रकशित की है. जिसमे आप जान सकते है की महात्मा गाँधी जी की कुल विदेश यात्रा, उनके मुख्य आन्दोलन, उनके कुल उपवास आदि के बारे में सामान्य ज्ञान हिंदी हिंदी में.

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Life History of Mahatma Gandhi from 1869 to 1948 in Hindi

वर्ष महात्मा गांधी द्वारा उनके जीवन – काल की मुख्य घटनाएं
1869जन्म 2 अक्टूबर, पोरबंदर, काठीयावाड़ में-माता पुतलीबाई, पिता करमचंद गांधी.
1876परिवार राजकोट आया गया, प्राइमरी स्कुल में अध्यन कस्तूरबा से सगाई.
1881राजकोट हाईस्कूल में पढाई.
1883कस्तूरबा से विवाह
188563 वर्ष की आयु में पिता का निधन
1887मेट्रिक पास की, भावनगर के सामलदास कॉलेज में प्रवेश लिया, एक सत्र बाद छोड़ दिया.
1888प्रथम पुत्र का जन्म, सितम्बर में वकालत पड़ने इंग्लेंड रवाना.
1891पढ़ाई पूरी कर देश लोटे, माता पुतलीबाई का निधन बम्बई तथा राजकोट में वकालत की.
1893भारतीय फार्म के लिए केस लड़ने दक्षिण अफ्रीका रवाना हुए. वहां उन्हें सभी प्रकार के रंगभेद का सामना करना पड़ा .
1894रंगभेद का सामना करने, वहीँ रहकार समाज कार्य करने तथा वकालत करने का फेसला-नेटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की .
1896छ: महीने के लिए स्वदेश लोटे तथा पत्नी तथा दो पुत्रो को नेटाल ले गए.
1899बिर्टिश सेना के लिए बोअर युद्ध में भारतीय एम्बुलेंस सेवा तैयार की .
1901सपरिवार स्वदेश रवाना हुए तथा दक्षिण अफ्रीका में बसे भारतीयों को आश्वासन दिया की वे जब भी आवश्यकता महसुसू करेंगे, वापस लौट आयेंगे.
1901देश का दौरा किया, कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया थाट बम्बई में वकालत का दफ्तर खोला.
1902भारतीय समुदाए द्वारा बुलाए जाने पर दक्षिण अफ्रीका पुन: वापस लौटे.
1903जोहान्सबर्ग में वकालत का दफ्तर खोला.
1904‘इंडियन ओपेनियन’ साप्ताहिक पात्र का प्रकाशन आरम्भ किया.
1906‘जुलू विद्रोह’ के दौरान भारतीय एम्बुलेंस सेवा तैयार की. एशियाटिक ऑडीनेन्स के विरुद्द जोहान्सबर्ग में प्रथम सत्याग्रह अभियान आरम्भ किया.
1907‘ब्लैक एक्ट’ भारतीओं तथा अन्य एशियाई लोगो के जबरदस्ती पंजीकरण के विरुद्ध सत्याग्रह.
1908सत्याग्रह के लिए जोहान्सबर्ग में प्रथम बार कारावास दंड, आन्दोलन जारी रहा तथा दित्तीय सत्याग्रह में पंजीकरण प्रमाणपत्र जलाए गए. पुन: कारावास दंड मिला.
1909जून – भारतीयों का पक्ष रखने इंग्लेंड रवाना, जवंबर-दक्षिण अफ्रीका वापसी के समय जहाज में ‘हिंदी-स्वाराज’ लिखा.
1910मई-जोहान्सबर्ग के निकट टाल्सटॉय फ़ार्म की स्थापना.
1913रंगभेद तथा दमनकारी नीतियों के विरुद्ध सत्याग्रह जारी रखा- ‘द ग्रेट मार्च’ का नेत्रत्व किया जिसमें 2000 भारतीय खदान खर्मियों ने न्यूकेसल से नेटाल तक की पद यात्रा की .
1914स्वदेश वापसी के लिए जुलाई में दक्षिण अफ्रीका से रवानगी.
191521 वर्षो के प्रवास के बाद जनवरी में स्वदेश लौटे. मई में कोचरब में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की जो 1917 में साबरमती नदी के पास स्थापित हुआ.
1916फरवरी में बनारस हिन्दू विश्वविधालय में उद्घाटन भाषण .
1917बिहार में चम्पारण सत्याग्रह का नेत्रत्व .
1918फरवरी में अहमदाबाद में मिल मजदूरों के सत्याग्रह का नेत्रत्व तथा मध्यस्थता द्वारा हल निकाला.
1919रालेट बिल पास हुआ जिसमे भारतीयों के आम अधिकार छीने गए-विरोध में उन्होंने पहला अखिल भारतीय सत्याग्रह छेड़ा , अंग्रेजी साप्ताहिक पत्र, यंग इन्डिया’ तथा गुजराती साप्ताहिक ‘नवजीवन’ के पम्पदक का पद ग्रहण किया.
1920अखिल भारतीय होमरूल लीग के अध्यक्ष निर्वाचित हुए-केसर-ए-हिन्द पदक लौटाया, दित्तीय राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह आन्दोलन आरम्भ किया.
1921बम्बई में विदेशी वस्त्रो की होली जलाई, सांप्रदायिक हिंसा के विरुद्ध बम्बई में 5 दिन का उपवास एवं व्यापक अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ किया.
1922चौरी-चौरा की हिंसक घटना के बाद जन-आन्दोलन स्थगित किया. उन पर राजद्रोह का मुकदमा चला तथा उन्होंने स्वयं को दोषों स्वीकार किया. जज ब्रुम्फिल्ड द्वारा छ: वर्ष कारावास का दंड दिया गया.
1923‘दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह’ पुस्तक तथा आत्मकथा के कुछ अंश कारावास के दौरान लिखे.
1924साम्प्रदायिक एकता के लिए 21 दिन का उपवास रखा-बेलगाम कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष चुने गए.
1925एक वर्ष के राजनेतिक मौन का निर्णय .
1928कलकत्ता कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया-पूर्ण स्वराज का आह्रान.
1929लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया-पूर्ण स्वराज ; के लिए राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह आन्दोलन आरम्भ.
1930एतिहासिक नमक सत्याग्रह – साबरमती से डांडी तक की यात्रा का नेत्रत्व .
1931गांधी इरविन समझोता – दित्तीय गोलमेज परिषद् के लिए इंग्लेंड यात्रा , वापसी में महान दार्शनिक रोमन रोलां से भीं भेंट की.
1932यरवदा जेल में अस्पर्श्यों के लिए अलग चुनावी क्षेत्र के विरोध में उपवास – यरवदा पेक्ट को विर्तिश अनुमोदन तथा गुरुदेव की उपस्थिति में उपवास तोडा.
1933साप्ताहिक पात्र ‘हरिजन’ आरम्भ किया-साबरमती तट पर बने सत्याग्रह आश्रम का नाम हरिजन आश्रम कर दिया तथा उसे हमेशा के लिए छोड़कर देशव्यापी अस्पृश्यता विरोधी आन्दोलन छेड़ा.
1934अखिल भारतीय ग्रामोघोग संघ की स्थापना की.
1935स्वास्थ्य बिगड़ा-स्वास्थ्य लाभ के लिए बम्बई आए.
1936वर्धा के निकट के गाँव का चयन जो बाद में सेवाग्राम आश्रम बना.
1937अस्पृश्यता निरारण अभियान के दौरान दक्षिण भारत की यात्रा.
1938बादशाह खान के साथ एन. डब्ल्यू. एफ. पी. का दौरा.
1939राजकोट में उपवास-सत्याग्रह अभियान.
1940व्यक्तिगत सत्याग्रह की घोषणा-विनोबा भावे को उन्होंने पहले व्यक्तिगत सत्याग्रही चुना.
1942हरिजन’ पत्रिका का पन्द्रह महीने बाद पुन: प्रकाशन-क्रिप्स मिशन के असफलता.
– भारत छोड़ो आन्दोलन का राष्ट्रव्यापी आह्रान
– उनके नेत्रत्व में राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह.
– पूना के अगखान महल में बंदी जहाँ सचिव एवं मित्र महादेव देसाई का निधन हुआ.

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