Russia Luna-25 Moon Mission Failed; लूना-25 दक्षिणी ध्रुव के पास क्रैश
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लूना-25 मिशन हुआ क्रेश; जानें जानकारी
Russia’s Luna-25 Crashed: रूस द्वारा भेजे गए चंद्रमा पर Luna-25 मिशन चाँद की चाँद की सतह पर ही क्रैश हो चुका है. इसके कई कारण रूस ने बताएं है जिनमे वहां की स्पेश एजेंसी ने कहाँ की उनसे गलत पैरामीटर्स सेट हुए थे. इस वजह से Luna-25 गलत ऑर्बिट में गया और क्रैश हो गया. इस मिशन से संपर्क एजेंसी को संपर्क साधने में दिक्कत आई थी परन्तु उनके कई बार संपर्क साधने के प्रयास नाकाम रहें और कोई नतीजा नहीं निकला.
रॉसकॉसमॉस, शुरुआती जांच के अनुसार Luna-25 अपनने असली पैरामीटर्स से अलग चल गया था. तय ऑर्बिट के बजाय दूसरी ऑर्बिट में चला गया जहां इसके कारण वह सीधे चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास जाकर क्रैश हो गया.
कब भेजा गया था लूना-25 चाँद पर; जानें
रूस स्पेस एजेंसी ने इस मिशन (Luna-25) को 11 अगस्त 2023 की सुबह 4:40 बजे अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया था. लॉन्चिंग सोयुज 2.1बी रॉकेट से किया था. इस मिशन को लूना-ग्लोब (Luna-Glob) मिशन कहा गया.
47 वर्ष बाद भेजा कोई मिशन
रूस स्पेस एजेंसी ने करीब 47 वर्ष बाद चाँद पर कोई मिशन भेजा था जिसका नाम Luna-25 है. 1976 के रूस ने लूना-24 मिशन के बाद से रूस ने वर्ष 2023 में लूना-25 चाँद ऑर्बिट तक भेजने की कोशिश की थी परन्तु यह नाकाम रही.
लूना 25 की ताकत
इस मिशन को रूस ने सोयुज रॉकेट से लॉन्चिंग की थी जोकि करीब 46.3 मीटर लंबा था एवं इसका व्यास 10.3 मीटर था और इसका वजन 313 टन था.
लैंडिंग की प्लानिंग
रूस ने योजना बनायीं थी की यह मिशन 21 या 22 अगस्त को चांद की सतह पर उतरेगा.
Luna-25 का उद्देश्य
31 किलोग्राम के वैज्ञानिक यंत्र इस मिशन में लगें थे जोकि सतह की 6 इंच खुदाई करके, पत्थर और मिट्टी का सैंपल जमा करता जिसकी सहायता से जमे हुए पानी की खोज हो सके.
Luna-25 में इस्तेमाल थे 9 साइंटिफिक पेलोड्स
ADRON-LR: चांद की सतह पर न्यूट्रॉन्स और गामा-रे का विश्लेषण करता.
THERMO-L: सतह पर गर्मी की जांच करता.
ARIES-L: वायुमंडल यानी एग्जोस्फेयर पर प्लाज्मा की जांच करता.
LASMA-LR: यह एक लेजर स्पेक्ट्रोमीटर है.
LIS-TV-RPM: खनिजों की जांच और तस्वीरों के लिए इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर था.
PmL: यह धूल और माइक्रो-मेटियोराइट्स की जांच करता.
STS-L: पैनारोमिक और लोकल इमेज लेता.
Laser Reflectometer: चांद की सतह पर रेंजिंग एक्सपेरीमेंट्स करता.
BUNI: लैंडर को पावर देगा और साइंस डेटा को जमा करेगा जिसे धरती पर भेजता.