आत्म-परिचय – जानें क्या होता है सेल्फ इंट्रोडक्शन, देने की टिप्स और उदहारण

आत्म-परिचय या सेल्फ इंट्रोडक्शन एक जरिया है दुनिया के सामने अपने बारे में जानकारी प्रस्तुत करने का. ये हमारे व्यक्तिगत , सामाजिक जीवन और हमारी करियर और व्यापार में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

आत्म-परिचय

स्वयं-परिचय या आत्म-परिचय वह होता है जब हम किसी को अपने बारे में बताते है. इसमें हम किसी व्यक्ति को अपना नाम, पेशे, शिक्षा, पासंदीदा गतिविधियां और व्यक्तिगत जानकारी सहित अपने बारे में संक्षेप में बताते हैं। सेल्फ इंट्रोडक्शन की मदद से अन्य लोगो से परिचित करवाने में सहायता मिलती है.

जब हम किसी अनजान व्यक्ति से मिलते है तो उस समय व्यक्ति से पहचान आत्म परिचय के माध्यम से होती है. सम्बन्धो, नौकरी पाने एवं किसी से पहचान में आत्म-परिचय अपने व्यक्तिगत, शिक्षा, पेशा, परिवार, शौक, रुचियां, लक्ष्य और अनुभवों के बारे में जानकारी को दुसरे के सामने प्रदान करता है.

आत्म-परिचय क्यों महत्वपूर्ण है?

आत्म-परिचय रिश्ते या सम्बन्ध निर्माण के लिए मदद करता है. जब हम किसी अनजान व्यक्ति से मिलते है तो सबसे पहले उससे उसका नाम फिर अन्य जानकारी पूछते है फिर वे व्यक्ति अन्य व्यक्ति से उसके बारे में जानने के लिए इच्छुक होता है जिसमे दोनों व्यक्ति अपना-अपना आत्म-परिचय देते है जिससे एक नया सम्बन्ध बनता है.

करियर विकास के लिए सेल्फ इंट्रोडक्शन आपकी शिक्षा, अनुभव , योग्यता एवं क्षमताओं के बारे में सही ढंग से प्रदर्शित करते हैं सेल्फ इंट्रोडक्शन जितना आप सटीक और बिना हिचके बोलते हो तो लोग आपकी ओर आकर्षित होते हैं जिससे वे आपके साथ कार्य करने के लिए उत्सुक होते है. इसके अलावा व्यक्तिगत समृद्धि में हम अपनी पहचान को समझते है.

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आत्म-परिचय कैसे दें?

शुरुआत आप नमस्ते या हेल्लो के साथ विनम्र तरीके से करें.
इनके बाद आपना नाम बताकर आत्म परिचय की शुरुआत करें जैसे नमस्ते सर/मैडम, मेरा नाम [अंकित] है”.
अपने नाम के बाद अब आप अपनी शिक्षा, अनुभव, कार्य, योग्य्तायों एवं रूचि के बारे में विस्तार से और सटीक से बताएं.
ध्यान दें की अपना आत्म-परिचय आपकी स्थितियों और सामाजिक परिस्थितयों के अनुसार बदल सकते है.

जानें कैसे करें सेल्फ इंट्रोडक्शन की शुरुआत

नाम:

  • सबसे पहले अपना नाम बताएं।
  • उदाहरण के लिए: “नमस्ते, मेरा नाम [आपका नाम] है।”

शिक्षा और योग्यता:

  • अपनी शिक्षा और योग्यता के बारे में कुछ संक्षिप्त में बताएं।
  • उदाहरण के लिए: “मैं [आपकी शिक्षा/योग्यता] का अध्ययन/प्रशिक्षण कर रहा/रही हूँ।”

रुचियां और शौक:

  • अपने रुचियों और शौकों के बारे में बताएं।
  • उदाहरण के लिए: “मुझे [आपकी रुचियां/शौक] में रुचि है।”

कार्य एवं अनुभव

  • अपने कार्य एवं अनुभव के बारे में विचारों को साझा करें।
  • उदाहरण के लिए: “मैं पिछले (कुल वर्षो) से [आपका कार्य] हूँ।”

संक्षेप: अपने आत्म-परिचय को हमेशा संक्षेप रूप सांझा करें, ताकि लोग आपके बारे में जल्दी समझ सकें और उन्हें कोई भ्रम ना हो।

आत्म-परिचय के उदाहरण

आइये आत्म-परिचय देने के लिए एक छोटे से उदहारण के साथ समझे.

फ्रेशेर्स के लिए आत्म-परिचय के उदाहरण

नाम: मैं परवीन कुमार हूँ।
उम्र: मैं 18 वर्ष का हूँ।
शिक्षा: मैंने बी.ए. की उच्चतम शिक्षा प्राप्त की है।
पेशा: मैं एक डाटा एंट्री ऑपरेटर हूँ।
रुचियां: मेरी रुचियों में टाइपिंग , पढ़ना, और क्रिकेट खेल शामिल हैं।
परिवार: मेरे परिवार में मेरे माता-पिता और एक छोटी बहन हैं।
उपलब्धियां: मैंने कंप्यूटर में टाइपिंग टेस्ट में सर्टिफिकेट हासिल किया है।
अनुभव: मेरे पास टाइपिंग में 6 माह का अनिभव हैं।

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अनुभवी के लिए आत्म-परिचय के उदाहरण

“नमस्ते,

मेरा नाम [आपका नाम] है। मैं [आपकी शिक्षा/पेशेवर गतिविधियाँ] का अध्ययन/प्रशिक्षण कर रही/रहा हूँ। मेरा एक सबसे बड़ा शौक [आपका शौक] है और मैं [आपकी रुचियां/शौक] करने में बहुत आनंद लेती/लेता हूँ।

मैं एक [आपकी पेशेवर उपलब्धि/क्षमता] के साथ [आपकी कंपनी/संगठन/स्कूल आदि] में काम कर रही/रहा हूँ, जहां मैं [आपका काम और योगदान] कर रही/रही हूँ।

मेरे दृष्टिकोण से, जीवन में सफलता का मतलब [आपके व्यक्तिगत दृष्टिकोण] है। मैं [आपके नैतिक मूल्यों/योजनाओं] का पालन करती/करता हूँ और [आपका विचार] मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

मैं नए लोगों से मिलने, नई चीजें सीखने और साझा करने में बहुत रुचि रखती/रखता हूँ। मैं [आपके और आपके संपर्कों के लिए कैसे उपयुक्त हूँ] यह सुनने में उत्सुक हूँ।

धन्यवाद!”

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