Do You Know?

एकदलीय राजनितिक प्रणाली किसे कहते हैं?

उत्तर: एकदलीय राजनितिक प्रणाली में राष्ट्र में केवल एक ही राजनितिक दल को मान्यता प्रदान की जाती है तथा अन्य राजनितिक दलों के गठन का अधिकार नहीं होता हैं. व्यवहारिक रूप से समस्त राजनितिक गतिविधियाँ एक ही राजनितिक दल के पास होती हैं. ऐसे एक राजनितिक दल दुसरे राजनितिक दलों की प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं करना पड़ता. वर्तमान में चीन में केवल एक ही राजनितिक दल कम्युनिस्ट पार्टी हैं. पूर्व सोवियत संघ में भी एक ही दल साम्यवादी दल था.


प्रोटेम स्पीकर कौन होता हैं?

उत्तर: लोक सभा के निर्वाचन की अध्यक्षता करने नए स्थानी स्पीकर का चुनाव कराने एवं राष्ट्रपति की और से नव निर्वाचित सदस्यों की शपथ ग्रहण कराने के लिए राष्ट्रपति प्राय: लम्बे समय तक लोक सभा सदस्य रहे सांसद को अल्पस्थायी अध्यक्ष (Protem Speaker) नियुक्त करता हैं. स्थायी स्पीकर (लोक समाध्यक्ष) निर्वाचित हो जाने के बाद प्रोटेम स्पीकर का कार्यकाल समाप्त हो जाता हैं.


रेगुलेटिग एक्ट के मुख्य उपबन्ध बताएं.

उत्तर: 1. इसमें कंपनी के ढाँचे में परिवर्तन किया गया एवं संचालकों के कार्यकाल को बढ़ाकर 1 से 4 वर्ष कर दिया गया.
२. अंशदाताओं के मत देने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया.
३. कंपनी पर बिर्टिश सरकार के नियंत्रण में वृद्धि की गई.
४. अधिनियम द्वारा मद्रास व् बम्बई प्रेसिडेंसी को युद्ध व् शान्ति से सम्बंधित मामलों में कलकत्ता प्रेसिडेंसी के नियंत्रण में कर दिया गया.


लैंगिक उत्पीडन क्या हैं एवं इसके लिए दंड की क्या व्यवस्था हैं?

उत्तर: लैंगिक उत्पीडन एवं उसके लिए दण्ड धारा 354 क में हैं, इसके अनुसार निम्न व्यक्ति लैंगिक उत्पीडन का दोषी माना जाएगा-
१. अवांछनीय एवं सुव्यक्त लैंगिक संबंधों के बनाने को अंतर्ग्रस्त करने वाला, शारीरिक क्रियाएँ एवं अंग्रक्रियाएँ.
२. यौन स्वीकृत की मांग या अनुरोध.
३. स्त्री की इच्छा के विरुद्ध अश्लील साहित्य दिखाना.
४. लैंगिक आभासी टिप्पणी करना. जो पुरुष (i), (ii), (iii) में अपराध करता है वह तीन वर्ष तक कठोर कारावास से दण्डित हो सकेगा.
जो पुरुष (iv) में अपराध करता हैं वः एक वर्ष तक कठोर कारावास से दण्डित हो सकेगा.


तरुण व्यक्ति को अश्लील वस्तुओं के विक्रय से सम्बंधित प्रावधान बताएं.

उत्तर: तरुण व्यक्ति से सम्बंधित प्रावधान भारतीय दण्ड संहिता की धरा 293 में हैं, इसके अनुसार जो कोई बीस वर्ष से कम आयु के किसी व्यक्ति को कोई ऐसी अश्लील वास्तु जो अंतिम पूर्ववर्ती धरा में निर्दिष्ट है, बेचेगा या प्रदर्शित करेगा या परिचालित करेगा या प्रस्थापना करेगा वह दण्डनीय होगा.


धूमछिद्र या धूआंरी (Fumaroles) क्या हैं?

उत्तर: ज्वालामुखी का अवशिष्ट रूप जिसमें भूपृष्ठ में निर्मित एक छिद्र से गर्म गैस तथा वाष्प निकलती रहती है. ज्वालामुखी उदगार के समाप्त हो जाने पर ज्वालामुखी छिद्र से निरंतर अथवा रुक-रुक कर गर्म गैसें एवं वाष्प निकलती रहती हैं जो दूर से धुंआ के सामान दिखाई देती हैं. धूमछिद्र का आकार प्राय: छोटा होता हैं. जिसका व्यास सामान्यत: 2 से 3 मीटर होता हैं. यह अधिकाँशतया ज्वालामुखी विबर (Crater) अथवा ब्रह्रा ज्वालामुखी गुबदों पर स्थित होते हैं. अलास्का में कटमई ज्वालामुखी के समीप कई वर्ग किमी क्षेत्रफल में अनेक धूआरें समूह के रूप में पाए जाते हैं. धुआंरे वाली इस घाटी को दस सहस्क धुमों की घाटी (A Valley of ten thousand smoke) कहा जाता हैं. धूमछिद्रों में गैसों के साथ वाष्प, गंधक, हाइड्रोक्लोरिक एसिड आदि भी निकलते हैं, धूमछिद्र सामान्यत: ज्वालामुखी वाले क्षेत्रो में पाए जाते हैं.


वायु प्रदुषण के दुष्प्रभाव एवं उसकी रोकथाम के कौन-कौनसे उपाय आवश्यक हैं?

उत्तर: नि:संदेह ! वर्तमान में वायु प्रदुषण विश्व की बड़ी समस्याओं में से एक हैं. कई बीमारियों का कारन वायु प्रदुषण हैं, इसी प्रदुषण से कैसे बचा जाए? इस सन्दर्भ में भारत सरकार ने बाकायदा वायु (प्रदुषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 में लागू किया हैं वायु प्रदुषण के दुष्प्रभावों में.
(i) सांस से सम्बंधित समस्याएं – मनुष्य को दम गले में दर्द, निमोनिया, ब्रोंकइटीस आदि,
(ii) ह्रदय पर प्रभाव – हाईब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक के खतरे,
(iii) कैसर की सम्भावना – प्रदूषित वायु में कई तरह के जहरीले तत्वों के कारण कैसर जैसी बिमारी.
(iv) आँखों पर असर – फैक्ट्री से निकलने वाले ज्यादा प्रदुषण से आँखें अक्सर लाल हो जाती हैं, जलन होती हैं.
(v) मस्तिष्ट पर प्रभाव – से मनुष्यों की मानसिक स्थितियों में बदलाव आता हैं, जिससे मनुष्यों में चिडचिडाहट व् घबराहट जैसी समस्याएं पैदा होती हैं.
(vi) प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया पोधों में वायु प्रदुषण के कारण सूर्य के प्रकाश की मात्र में कमी से प्रभावित होती हैं. वायु प्रदुषण पर नियंत्रण के कई उपाय हैं जैसे- (i) वनों की अनियंत्रित कटाई पर रोक लगे और ज्यादा-से-ज्यादा पोधों का रोपण किया जाए. देश के 33% भोगोलिक क्षेत्रफल में वन (FOREST) (वानिकी) क्षेत्र पर्यवानीय संतुलन के लिए होना चाहिए. (ii) मास्क पहनने से हवा में व्याप्त विषेले कणों से बचाव होता हैं. (iii) शेहरीकरण एवं उघोग धंधों पर रोक लगे. (iv) धुम्रपान से परहेज करें. (v) सौर ऊर्जा तकनीक को प्रोत्साहन दिया जाए. (vi) अवशेष न जलाएं एवं ग्रामीण इलाकों में ‘एलपीजी’ (LPG) गैस को बढ़ावा देना आदि कई उपाय हैं.

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