महमूद गजनी का इतिहास एवं रोचक सामान्य ज्ञान जानकारी हिंदी में
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अल्पतगीन नामक एक तुर्क सरदार गजनी साम्राज्य का संस्थापक था अल्पतगीन का गुलाम तथा दामाद सुबुत्तगिन था महमूद गजनी सुबुत्तगिन का पुत्र था. अपने पिता के काल में गजनी खुरासान का शसक था|
Mahmud of Ghazni Biography, History and Story in Hindi
महमूद गजनी 27 वर्ष की अवस्था में 997 ई० में गद्दी पर बैठा बगदाद का खलीफा अल-आदिर बिल्लाह ने महमूद गजनी के पद को मान्यता प्रदान करते हुए उसे ‘यमिन-उद-दौला’ तथा ‘यमीन-ऊल-मिल्लाह’ की उपाधि दी|
महमूद गजनी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया , महमूद गजनी ने भारत पर पहले आक्रमण पहला आक्रमण 1001 ई० में किया था यह आक्रमण शाही राजा जयपाल के विरुद्ध था इसमें जयपाल की पराजय हुई थी|
महमूद गजनी का 1008 ई० में नगरकोट के विरुद्ध हमले को मुर्तिवाद के विरुद्ध पहली महत्त्वपूर्ण जीत बतायी जाती हैं| महमूद गजनी ने थानेसर के चक्रस्वामिन की कास्य निर्मित आदमकद प्रतिमा को गजनी भेजकर रंगभूमि में रखवाया|
महमूद गजनी का सबसे चर्चित आक्रमण 1024 ई० में सोमनाथ मंदिर (सौराष्ट्र) पर हुआ इस मंदिर की लूट में उसे करीब 20 लाख दीनार की संपत्ति हाथ लगी | सोमनाथ की रक्षा में सहायता करने के कारन अन्हिलवाडा के शासक पर महमूद ने आक्रमण किया|
सोमनाथ मदिर लुट कर ले जाने के क्रम में महमूद पर जाटों ने आक्रमण किया था और कुछ संपत्ति लुट ली थी| महमूद गजनी का अंतिम भारतीय आक्रमण 1027 ई० में जातों के विरुद्ध था|
महमूद गजनी की मृत्यु 1030 ई० में हो गयी अलबरूनी, फिरदौसी, उत्बी तथा फरुखी महमूद गजनी के दरबार में रहते थे.