महान वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा के इतिहास से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य और जानकारी

होमी जहांगीर भाभा भारत के एक महान परमाणु वैज्ञानिक थे. इनका जन्म 30 अक्टूबर 1909 को पारसी परिवार में हुआ था. परमाणु उर्जा कार्यक्रम के जनक कहे जाने वाले होमी जहांगीर भाभा के पिता जहांगीर भाभा एक जाने-माने वकील थे.

Biography of Homi Jehangir Bhabh in Hindi

होमी जहांगीर भाभा की प्रारंभिक शिक्षा कैथरैडल स्कूल में और आगे की शिक्षा जॉन केनन में हुई. इनकी रूचि भौतिक विज्ञानं और गणित के विषय में अधिक थी. अपनी बीएससी की शिक्षा इन्होने एल्फिस्टन कॉलेज मुंबई और रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से पास की. वर्ष 1927 में इंग्लैंड के कैंब्रिज में इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की वहां से इन्होने 1930 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 1934 में इनको कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से ही डाक्टरेट की उपाधि मिली. होमी जहांगीर भाभा को रुदरफोर्ड, डेराक, तथा नील्सबेग जैसे प्रसिद्ध वैज्ञानिक के साथ कार्य करने का अवसर भी मिला.

वर्ष 1939 में प्रथम विश्व युद्ध के प्रारंभ में होमी जी भारत लौटे और बेंगलूर के इंडियन स्कूल आफ साइंस से जुड़े वर्ष 1940 में उन्हें रीडर पद की नियुक्ति मिली यहाँ उन्होंने कॉस्मिक किरणों की खोज करने के लिए अलग विभाग की स्थापना कर दी.

होमी की आयु मात्र 31 वर्ष जब उन्हें वर्ष 1941 में रॉयल सोसाइटी के सदस्य के रूप में चुना गया. इसके बाद वर्ष 1944 में उन्हें प्रोफ़ेसर बना दिया गया. सर सीवी रमन होमी जी को भारत का लियोनार्डो डी विंची भी कहा करते थे.

जेआरडी टाटा की सहायता से उन्होंने ‘टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च’ की स्थापना की और वर्ष 1945 इसके निदेशक बने. वर्ष 1948 में इन्होने भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना कर अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा मंचों पर अपने देश का प्रतिनिधित्व किया.

वर्ष 1955 में आयोजित एक सम्मलेन में डॉ. होमी भाभा को सभापति बनाया गया था. डॉ होमी भाभा को भौतिकी के क्षेत्र में पाँच बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया परन्तु विज्ञानं की दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान एक महान भारतीय वैज्ञानिक को नहीं मिल सका.

होमी जहांगीर भाभा को वर्ष 1943 में एडम्स पुरस्कार मिला, वर्ष 1948 में हॉपकिन्स पुरस्कार और वर्ष 1954 में भारत सरकार ने पद्मभूषण से अलंकृत किया इसके अलावा होमी भाभा को कई अधिक पुरूस्कार और सम्मान से सम्मानित किया गया है.

24 जनवरी 1966 को स्विट्जरलैंड में एक विमान हादसे में महान वैज्ञानिक होमी भाभा का निधन हो गया यदि यह हादसा नहीं होता तो शायद न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में भारत बहुत बड़ी उपलब्धी हासिल कर चूका होता.

प्रातिक्रिया दे0

Your email address will not be published. Required fields are marked *